धा तिरकिट धिरधिर किट, धा तिरकिटतक तूना कता
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धा तिरकिट धिरधिर किट, धा तिरकिटतक तूना कता
संगीत कला केंद्र की संगीत सभा में बहे शास्त्रीय संगीत के मधुर स्वर
-नाद साधकों का किया सम्मान
आगरा। ‘धा तिरकिटतक धिरधिर किटतक धा तिरकिटतक तूना कता, ता तिरकिटतक धिरधिर किटतक धा तिरकिट तूना कता’. भारतीय तालवाद्य तबला की चांटी पर कुशल हस्त संचालन के साथ निकलते दिल्ली के तबला वादक जगजीत सिंह द्वारा पारंपरिक कायदा के मधुर स्वर और गति पकड़ते ही चैगुन में परिवर्तित बोल जैसे ही तिहाई बनकर श्रोताओं के कर्ण तक पहुंचे कि पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा। अवसर था भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसारार्थ कार्य कर रही संस्था ‘संगीत कला केद्र’ द्वारा आयोजित प्रातःकालीन नाद साधना सभा का।
पुष्पांजलि सभागार में आयोजित नाद साधना के 23 वें वार्षिक समारोह में गीतं वाद्यं तथा नृत्य की त्रिवेणी का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। युवा गायिका स्रिजा दास ने राग बहादुरी तोड़ी में विलंवित, मध्य ख्याल तथा मिश्र खमाज में ‘कौन गली गयो श्याम’ ठुमरी तथा मिश्र भैरवी में भजन प्रस्तुत कर रसिकों को आनंदित कर दिया। उनके साथ तबला संगीत सुभाष कांति एवं हारमोनियम संगीत पं. रवीन्द्र तलेगांवकर ने की।
लक्षण गीत से सजी भैरवी की स्वरमालिका
कला केंद्र की छात्राओं ने राग भैवरव में लक्षण गीत की रचना सुर से सजे भाव रस रंग अनुभाव प्रस्तुत कर समारोह को अलग रूप प्रदान किया। इसका स्वर निर्देशन शुभ्रा तलेगांवकर एवं शब्द रचना संगीतज्ञ प्रतिभा ने की। प्रस्तुति इलाइजा, आकाषी राय, प्रिया सोनी, सुभांगी सारस्वत, इशिता माथुर ने दी। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन पं. केशव तलेगांवकर ने किया।
किया नाद साधकों का सम्मान
संगीत रसधार के बीच युवा कलाकार स्रिजादास एवं जगजीत सिंह को नाद साधक-2016 एवं संगीतज्ञ सुभाष कांतिदास को देवर्षि नारद संगीत सम्मान से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में पल्लवी गहलौत, प्रियंका शर्मा, प्रियल शर्मा, चंद्रमणि, प्रिया गोयल आदि युवा कलाकारों का भी सम्मान किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
संगीत सभा में स्वतंत्रता सेनानी सरोज गौरिहार, आकांक्षा समिति की अध्यक्ष संगीता भटनागर, जाने-माने तबला वादन पं. सुरेश हरिदास, समोसेविका वीना पोद्दार, सुलभा तलेगांवकर, विदुषी डाॅ. कुसुम सिंह, अनिल वर्मा व नगर के कलारसिक उपस्थित रहे।