युवाओं में पैठ बना रहे है महाआर्यमन
युवाओं में पैठ बना रहे है महाआर्यमन
ग्वालियर। पिछले कुछ दिनों से अचानक ही शहर के लोगों को सिंधिया राजपरिवार की चौथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. माधवराव सिंधिया के नाती और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आए। हालांकि इस दौरान वह सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में ही दिखाई दिए लेकिन फिर भी चर्चा यही रही कि शायद अब अब राजनीति के दांव पेंच सीखने के लिए वे युवाओं के बीच अपनी पैठ बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी के यह युवा सदस्य विगत दिवस अपनी मां प्रियदर्शनी राजे के साथ शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर शीश झुकाने पहुंचे, वहीं इस दौरान उन्होंने आस-पास के गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से मेल-मुलाकात कर उनके जीवन को नजदीकी से जानने का प्रयास किया। सिंधिया परिवार के युवराज का अचानक आमजन के बीच पहुंचकर उनसे संवाद निश्चित ही चर्चा का कारण बनेगा यह तय था और हुआ भी ठीक वैसा ही लोगों की जुवान पर यह आ ही गया कि शायद महाआर्यमन के साथ सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी का शीघ्र ही राजनीति में भी पदार्पण हो जाएगा। इस दौरान उनके मार्गदर्शक की भूमिका में महाआर्यमन की माताश्री प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया उनके साथ रहीं। इसमें ध्यान देने वाली बात यह भी थी कि जिस कार्यक्रम में आर्यमन गए युवा उनके आसपास और उनसे जुड़ते हुए दिखाई दिए।
महाआर्यमन का उम्र से पूर्व सड़कों पर उतरना राजनीतिक के लोगों को हैरान कर रहा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि बीते रोज युवराज महाआर्यमन का शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाना व लोगों से संवाद करना राजनीति में आने का संकेत है या राजनीति की पाठशाला में प्रवेश का रास्ता। श्री आर्यमन जहां भी पहुंचे लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उनका स्वागत करने वालों में भी युवाओं की संख्या ही अधिक थी।
पिता और बाबा बने युवा सांसद
महाआर्यमन के बाबा पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को हुआ था। वे ग्वालियर के तत्कालीन महाराज जीवाजीराव सिंधिया और राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बेटे थे। स्व. माधवराव सिंधिया ने 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते तब वे महज 26 साल के थे। वे लगातार नौ बार लोकसभा सांसद रहे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.माधवराव सिंधिया का उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले में 30 सितंबर 2001 को एक हवाई हादसे में आकस्मिक निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संभाली। स्टेनफोर्ड हार्वर्ड में पढ़े ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की एक बेटी चित्रांगदा हैं जिनका विवाह जम्मू-कश्मीर और जमवाल घराने के युवराज विक्रमादित्य सिंह के साथ हुआ है।
यूएसए की येल यूनिवर्सिटी से कर रहे हैं स्नातक
ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी और महाआर्यमन की माताश्री प्रियदर्शनी राजे गुजरात के बड़ौदा, गायकवाड़ मराठा राजघराने से हैं उनके पिता कुंवर संग्राम सिंह के तीसरे बेटे थे। प्रियदर्शिनी की मां नेपाल राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। 12 दिसंबर 1994 को पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाह प्रियदर्शिनी राजे से हुआ था। इसके बाद 17 नवम्बर 1995 को महाआर्यमन का जन्म हुआ था। महाआर्यमन पूरे 21 वर्ष के हो गए हंै उनकी एक बहन अनन्या सिंधिया हंै। युवराज दून स्कूल से 12वीं पास कर चुके हैं और वर्तमान में यूएसए के येल विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। गौरतलब है कि महाआर्यमान के पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से इकोनोमिक्स से ग्रेज्युएट व स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।
सोशल साइट्स पर भी सक्रिय
महाआर्यमन भले ही विदेश में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हों, लेकिन वह सोशल साइट्स पर भी काफी सक्रिय रहते हैं। इस दौरान वह अपने माता-पिता और दादा-दादी की फोटो भी अपलोड किया करते हैं।
''सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमान सिंधिया कॉलेज की छुट्टियों के दौरान ग्वालियर आए हुए थे। ग्वलियर उनका घर है ,वह लोगों से मिलने कभी भी आ सकते हैं। फिलहाल राजनीति में आने का दूर-दर तक उनका कोई मन नहीं है।
डॉ. दर्शन सिंह,एडवोकेट
जिला अध्यक्ष कांग्रेस