बिजली कम्पनी में गबन का मामला

अब तक सामने आया करीब एक करोड़ का घपला

ग्वालियर। विद्युत वितरण कम्पनी संचारण/संधारण वृत्त ग्वालियर में उपभोक्ताओं से की गई बिजली बिलों की वसूली में किए गए लाखों के गबन में कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं? यह तो जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन अब तक की जांच में करीब एक करोड़ का घपला सामने आ चुका है।

उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2015 में बिजली कम्पनी के शहर वृत्त में भी इसी प्रकार का लाखों का बिजली बिल घोटाला उजागर हुआ था, जिसमें हजारों उपभोक्ताओं के बिलों को रिवाइज कर किसी की राशि कम कर दी गई थी तो किसी के बिलों को शून्य कर दिया गया था। तभी से माना जा रहा था कि इस प्रकार का घपला संभवत: प्रदेश के अन्य जिलों में भी हुआ होगा, लेकिन बिजली कम्पनी अधिकारियों द्वारा इस घपले को दबाने की कोशिशें की गईं। इसी बीच हाल ही में बिजली कम्पनी के संचारण/संधारण वृत्त ग्वालियर के मोतीझील जोन में भी लाखों का बिल घोटाला सामने आ गया, जिसमें कर्मचारियों द्वारा हजारों उपभोक्ताओं से वसूली गई लाखों की राशि कम्पनी के बैंक खाते में जमा न कराते हुए हड़प ली गई और कम्प्यूटर पर ऑनलाइन पैमेंट दर्शाकर उपभोक्ताओं के बिलों को शून्य कर दिया गया। इस घपले के सामने आने के बाद से ही बिजली कम्पनी अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ, जब संचारण/संधारण संभाग ग्वालियर कार्यालय ने ऑनलाइन जमा राशि का बैंक में जमा राशि से मिलान किया तो राशि में लाखों का अंतर सामने आया। बताया गया है कि इस मामले के सामने आते ही मोतीझील जोन कार्यालय के एक कर्मचारी को निलम्बित कर दिया गया था।

तीन साल से की जा रही थी गड़बड़ी
मोतीझील जोन कार्यालय के भुगतान केन्द्र में उपभोक्ताओं से वसूली जाने वाली बिजली बिलों की राशि को हजम कर कम्प्यूटन में झूठी राशि जमा दर्शाने का यह खेल पिछले करीब तीन सालों से चल रहा था, लेकिन बिजली कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों को कानो कान भनक तक नहीं लगी। बताया गया है कि यह काम किसी मास्टर माइंड का है, जिसने शहर वृत्त के उत्तर संभाग के उप महाप्रबंधक के नाम से एक फर्जी पत्र तैयार किया, जिसमें लिखा था कि मोतीझील जोन के इन उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन पैमेंट उत्तर संभाग में जमा कर दिया है। अत: इस राशि को संचारण/संधारण संभाग ग्वालियर में स्थानांतरितत किया जाए। इसी फर्जी पत्र के आधार पर ऑनलाइन बिलों को शून्य कर दिया गया, लेकिन उपभोक्ताओं से वसूली गई राशि बिजली कम्पनी के बैंक खाते में नहीं पहुंचाई गई।

दो से अधिक लोग हो सकते हैं शामिल
बिजली बिलों की वसूली में किए गए गबन के मामले की जांच कर रहे बिजली कम्पनी के संयुक्त निदेशक वित्त एन.एम. भावे ने बताया कि अब तक की जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि इतना बड़ा गबन कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता। यह काम दो या दो से अधिक लोगों ने मिलकर किया है। इसमें मोतीझील जोन कार्यालय और कम्प्यूटर सेन्टर से जुड़े कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। श्री भावे ने बताया कि अब तक की जांच में करीब 92 लाख रुपए का गबन सामने आ चुका है। इसमें लगभग 1000 उपभोक्ताओं के बिजली बिल शून्य किए गए हैं। ये सभी उपभोक्ता मोतीझील जोन कार्यालय क्षेत्र के ही हैं। श्री भावे ने बताया कि इस मामले में जांच का दूसरा पहलू यह है कि इसमें जिम्मेदार कौन-कौन लोग हैं, जिन्हें वह पॉइंट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन से चार दिनों में जांच पूरी हो जाएगी। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट मुख्य महाप्रबंधक ग्वालियर क्षेत्र को सौंप देंगे और उन्हीं के द्वारा दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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