Home > Archived > भाजपा की बल्ले-बल्ले

भाजपा की बल्ले-बल्ले

भाजपा की बल्ले-बल्ले

पांच राज्यों में हुए चुनावों का मतदान समाप्त होने के साथ ही नतीजों से पहले आए चुनाव सर्वेक्षण कितने सही हो सकते हैं यह तो 19 तारीख को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इसे झुठलाया भी नहीं जा सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान नतीजों से पहले जो चुनाव सर्वेक्षण आए थे, उन सभी सर्वेक्षणों में भाजपा की केंद्र में सरकार बनते बताया गया था और यह सही भी साबित हुए। पांच राज्यों में होने वाली मतगणना से पहले भी एग्जिट पोल इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भाजपा का ग्राफ एक बार फिर से बढऩे वाला है। एग्जिट पोल में पहली बार असम में भाजपा की सरकार बनना बताया जा रहा है और जहां भाजपा सरकार नहीं बना पा रही है, वहां उसका वोट प्रतिशत बढऩे की संभावना जतायी गयी है। यानि कुल मिलाकर भाजपा की बल्ले ही बल्ले है। कांग्रेस तो जैसे अपने कर्मों का फल भोग रही है।

चुनाव नतीजों से पूर्व आए सर्वेक्षणों में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होता दिखाई दे रहा है। बंगाल में वामपंथियों के साथ हाथ मिलाने का भी उसे कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। नतीजे ऐसे ही रहे तो असम और केरल भी उसके हाथों से छिनते दिखाई दे रहे हैं और इस तरह से कांग्रेस मात्र छह राज्यों में ही सिमट कर रह जाएगी और भाजपा की दस राज्यों में सरकार बन जाएगी। जो लोग इन दिनों मोदी सरकार के दो साल के कामकाज की समीक्षा कर बढ़चढ़कर आलोचना करने में लगे हुए हैं, उनके लिए यह सर्वेक्षण तमाचा ही है। जो लोग मोदी सरकार के दो साल के कामकाज पर यह कहकर उंगलियां उठा रहे हैं कि मोदी सरकार ने इन दो सालों में कुछ नहीं किया तो उनके लिए सर्वेक्षण आइना दिखाने जैसा है। जिन राज्यों में भाजपा अछूत समझी जाती थी, उन राज्यों में अब भाजपा अपनी दस्तक देती दिखाई दे रही है। साफ है कि जनता मोदी सरकार के कामकाज से न केवल संतुष्ट है बल्कि वहां यह संदेश जा रहा है कि मोदी ही इस देश का विकल्प हैं और उनके ही नेतृत्व में देश आगे बढ़ सकता है।

असम व केरल जैसे राज्यों में यदि भाजपा सरकार बनाने में कामयाब रहती है तो यह उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत समझी जाएगी और मोदी सरकार की सबसे बड़ी सफलता। केरल में चुनचुन कर हिन्दुओं को निशाना बनाया जाता रहा है। राष्ट्र हित में काम करने वाले संगठनों के कार्यकताओं को ढूंढ-ढूंढ कर निशाना बनाया जाता रहा है, ऐसे में यदि भाजपा वहां अपनी दस्तक भी देती है तो भी उसके लिए बड़ी कामयाबी है। बहरहाल जो लोग बिहार दिल्ली की जीत से उत्साहित होकर मोदी सरकार को असफल साबित कर रहे थे, उनके लिए एग्जिट पोल के नतीजे धक्का पहुंचाने वाले ही हैं। एग्जिट पोल की पिछली भविष्यवाणियों पर गौर करें तो संभवत: यह भविष्यवाणी भी सही साबित हो सकती है।

Updated : 18 May 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Top