पचास गांवों में पानी की किल्लत से सूखे कंठ

पंचायत अधिकारियों ने कहा-मई जून में होगी समस्या तब देखेंगे
ग्वालियर। प्रदेश शासन ग्रामीण क्षेत्रों में जनकल्याण योजनाओं को शुरु करने और क्रियान्वयन के लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत करता है, लेकिन शासन की इन योजनाओं का अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। शासन की महत्तवपूर्ण योजनाओं में जिले के ग्रामों में पानी की समस्या न हो इसके लिए नल-जल सेवा योजना आज से लगभग तीन साल पहले शुरु की थी। इसको प्रभावी बनाने के लिए जिला पंचायत को निर्देश दिए गए थे, लेकिन जनपद पंचायत मुरार के अंर्तगत आने वाली 127 ग्राम पंचायतों के सैंकड़ों गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। जनपद पंचायत मुरार का दावा है कि किसी भी गांव में पेयजल समस्या नहीं है। सभी घरों में पानी रोजाना आ रहा है,पर स्थिति इस दावे से उलट है।
गर्मी का असर , ग्रामीण परेशान:- गर्मी का असर बढऩे के साथ जनपद पंचायत मुरार के गंावों में पेयजल संकट गहराने लगा है, लोगों को पानी के लिए दिन भर भागदौड़ करनी पड़ रही है। सुबह उठते ही लोगों को पानी के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। गर्मी तेज होने पर पेयजल संकट की समस्या और गहराने की आशंका है। थाना हस्तिनापुर के कृपालपुर गंाव और इससे सटे गंाव में पानी की चार से पांच माह में किल्लत देखी जा रही है। इन गांवों के लोग जनपद पंचायत मुरार के चक्कर काटकर परेशान हो गए हैं, लेकिन अधिकारियों को इस समस्या से कोई सरोकार नहीं है। वे सिर्फ फाइलों में ही पानी की समस्या को दूर करने में लगे हुए है। इसका खामियाजा लोगों को भूगतना पड़ रहा है।
नल-जल योजना बंद:- ग्रामीण अंचलों में नल-जल योजना के हाल बेहाल हैं। लोग पानी की समस्याओं से दो चार हो रहे हैं। आलम यह है कि ज्यादातर ग्रामीण इलाके पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं, जबकि प्रदेश के मुख्य सचिव ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को लेकर सभी जिला पंचायतों को विशेष-निर्देश दे चुके हैं। गांव वालों को पानी की समस्या से निबटने के लिए नल -जल योजना का ही सहारा है, बताया जाता है कि स्वीकृत नल-जल योजना कई ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक शुरू नहीं हुई है। जितनी शुरु हुई हैं, उनमें भी पानी की आपूर्ति ठीक प्रकार से नहीं हो रही है। कहीं पाइप लाइन में लीकेज है तो कहीं लम्बे समय से टूटी-फूटी लाइन का मरम्मत कार्य नहीं किया गया है। कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां पानी आपूर्ति की जिम्मेदारी जिसे सौंपी गई है, वह लापरवाह बना हुआ है।
हैंडपम्प सूखे ,कोई सही नहीं कराता
कृपालपुर के निवासी करुआ पाठक और हरवीर सिंह ने स्वदेश संवाददाता को बताया कि गांव में 8 हैंडपम्प लगे हैं, लेकिन पांच महिने से सिर्फ तीन ही पानी दे रहे हैं, बाकि 5 खराब हैं। कई बार सरपंच गिरवर सिंह से बोल चुके हैं, लेकिन वो सुनते नहीं हैं। पंचायत मुरार में काफी देर से हम खड़े हुए हैं, लेकिन अधिकारी सुनते ही नहीं हंै। सिर्फ आवेदन लेकर हमसे कहा जाता है कि शिकायत पर सुनवाई करेंगे। इसी तरह उटीला और हस्तिनापुर के केमपुरा, बहांगीकलां, मानपुरा , टांकोली, निढ़ावली, द्वारिकागंज, धनवई बढ़ेराफुटकर, डबका, चकमहारोली, चकमहराजपुरा, फुसावली, लाखापुरा, चपरोली, किरावली, डगोरा, चकसोनपुरा, लडुआपुरा, छोंदी, मुख्यातरपुरा समेत तीन दर्जन गांवों में पानी की समस्या है। इन क्षेत्रों में हैंडपम्प लगे हैं, लेकिन ये काफी समय से खराब हैं। इन हैंडपम्पों में पानी नहीं आने से लोगों को अन्य स्रोतों से जुगाड़ करना पड़ता है। सुबह होते ही पानी की चिंता सताने लगती है। इसके बाद दिन भर पानी के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है।
मोटर पम्प खराब सरपंच बरत रहे लापरवाही
बेहट, बिजौली, सिरसौद के दर्जनों गांवों में मोटर पम्प खराब हो जाने के बाद उसका सुधार न होने से भी नल जल योजना बंद पड़ी हैं। वही कुछ ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन की खराबी के कारण नल-जल योजना बंद है। गर्मी के मौसम ने दस्तक तो दे दी है। ऐसे में यदि नल-जल योजना बंद रही तो ग्रामवासियों को पेयजल के लिए दर-दर भटकना पड़ सकता है।
अभी कोई समस्या नहीं
इधर जब जनपद पंचायत मुरार के कार्यपालन अधिकारी राजीव मिश्रा से ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या के बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि अभी किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में पानी की किल्लत नहीं है। मई-जून में समस्या होगी तो हम देखेंगे।