पांच दिन बाद भी एएसआई ने नहीं की कार्रवाई

मामला राष्ट्रीय स्मारक मानसिंह तोमर महल में तोडफ़ोड़ का
अधिकारी बरत रहे लापरवाही
आरोपियों के खिलाफ नहीं दिया आवेदन
ग्वालियर। किला स्थित राजा मानसिंह तोमर महल में एक धार्मिक स्थल से आए लगभग एक दर्जन लोगों ने टिकट मांगने पर ना केवल गार्ड की पिटाई की थी बल्कि महल के अंदर पांच सौ साल पुरानी खिड़की को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस घटना के 5 दिन बाद भी अब तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पुलिस और भोपाल स्थित एएसआई भोपाल मण्डल को इसकी कोई जानकारी नहीं दी है। इससे अंदाजा लगता है कि स्थानीय अधिकारी राष्ट्रीय धरोहरों की सुरक्षा के लिए कितने गंभीर हैं।
पूरे 5 दिन बाद भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने राष्ट्रीय धरोहर की तोडफ़ोड़ की शिकायत अपने स्तर पर पुलिस व जिला प्रशासन से नहीं की है और न ही मुख्यालय भोपाल मण्डल में इसकी सूचना दी गई है। इस पूरे मामले को अधिकारी दबाने का प्रयास कर रहे हैं और तो और महल के अंदर टूटी जाली को अब तक दुरुस्त भी नहीं कराया गया है। राष्ट्रीय धरोहर को क्षतिग्रस्त करने का मामला अपराध है। इसके बावजूद भी एएसआई के अधिकारी उच्च अधिकारियों के संज्ञान में इसकी जानकारी क्यों नहीं ला रहे है। इसमें लापरवाही प्रतीत हो रही है।
ये था मामला
आपको बता दें कि 6 अप्रैल को सुबह आठ बजे किला स्थित एक धार्मिक स्थल से लगभग 12 लोग राष्ट्रीय स्मारक राजा मान सिंह तोमर महल का भ्रमण करने आए थे। महल के प्रवेश द्वार पर एसआईएस सिक्योरिटी एजेंसी का गार्ड मोहन निवासी मुरैना पर्यटकों से टिकट लेकर जांच कर रहा था। समूह ने महल के अंदर प्रवेश करना चाहा तो मोहन ने टिकट दिखाने की मांग की। गार्ड द्वारा टिकट मांगने पर समूह के लोगों ने स्टॉफ के रूप में परिचय दिया और हमेशा मुफ्त में भ्रमण करने की बात कहकर मोहन की मारपीट कर दी और जबरन प्रवेश कर हंगामा करना शुरु कर दिया। समूह के लोगों में से अधिकतर ने अपनी कमर में कृपाण टांग रखी थी। इस डर से अन्य पर्यटक भी सहमे हुए बाहर आ गए। इसी दौरान उपद्रव कर रहे युवकों ने भूलभुलैया के पास लगभग 500 वर्ष पुरानी जाली को तोड़ दिया।
इन्होंने कहा
मुझे महल के अंदर तोडफ़ोड़ की कोई जानकारी नहीं मिली है। आप से ही मालूम हुआ है। मैं इसे दिखवाता हूं।
जुल्फिकार अली
अधीक्षक पुरातत्वविद
एएसआई, भोपाल