यमुना शुद्धिकरण मुद्दे पर केंद्र ने किया धोखा
यमुना मुक्तिकरण अभियान की बैठक में गरजे संत
मथुरा। यमुना शुद्धिकरण के मुद्दे पर आश्वासन की घुटी पिलाकर केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम न उठाकर यमुना भक्तों के साथ धोखा किया है।
वृंदावन के कृष्णकृपा धाम में संत ज्ञानानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित यमुना मुक्तिकरण अभियान की बैठक में संतों ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कुम्भ में प्रस्तावित धर्मसंसद में घोषित तिथि के बाद तक यदि अविरल और निर्मल प्रवाह सुनिश्चित नहीं किया तो लाखों यमुना भक्तों के साथ देश के सभी मूर्धन्य संत दिल्ली में बैठेगे एवं जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक वापस नहीं आयेगे।
इस अवसर पर संत ज्ञानानन्द महाराज ने कहा कि हम भारत के प्रमुख संतो से इस विषय पर वार्ता कर सरकार को भी इससे अवगत करा देते हैं ताकि केन्द्र सरकार यमुना के इस मुद्दे को गम्भीरता से ले। पंकज बाबा एवं महामण्डलेश्वर नवलगिरी महाराज ने कहा कि केन्द्र सरकार गंगा यमुना का नाम लेकर सत्तारूढ़ हुयी। हमें सरकार से यह आशा कतई नहीं थी कि गंगा यमुना को ही सरकार की बेरूखी का शिकार होना पड़ेगा। पर्यावरण की रक्षा का दायित्व केन्द्र सरकार पर है परन्तु इस तरह से तो वह विनाश पर तुली है। यदि समय रहते केन्द्र सरकार ने सही कदम नहीं उठाये तो इसका परिणाम उसे भुगतना होगा।
संत हरिबोल बाबा एवं आदित्य नाथ महाराज ने कहा कि सन्तों की आस्था यमुना से जुड़ी हुयी है। हमें सरकार से बहुत आशायें थीं। परन्तु वर्तमान में यमुना सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रही है।
यमुना मुक्तिकरण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक राधाकान्त शास्त्री, सहसंयोजक सुनील सिंह एवं राष्ट्रीय महासचिव हरेश ठेनुआ ने कहा कि पूज्य बाबा महाराज का आदेश है कि यमुना की अविरल निर्मल धारा ब्रज में आने तक आन्दोलन सतत् चलता रहेगा। जैसे ईश्वर की कृपा से पहाडों का आन्दोलन में दशकों के बाद हमें सफलता मिली। ऐसे ही यमुना आन्दोलन में भी हमें एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी। परन्तु यदि केन्द्र सरकार यमुना भक्तों के साथ ऐसे ही छल करती रही तो उत्तर प्रदेश में यह कभी सत्ता हासिल नहीं कर पायेगी।
गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी एवं पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि यमुना की स्वच्छता का मुद्दा उसके किनारे रह रहे प्रत्येक जनमानस के जीवन एवं स्वास्थ से जुड़ा हुआ है। हमारी यह लड़ाई जितनी आस्था से जुड़ी है उससे कहीं ज्यादा आने वाले पीढ़ी के बेहतर स्वास्थ के लिए हैं
इस अवसर पर यमुना मुक्तिकरण अभियान के प्रदेश संयोजक श्याम चतुर्वेदी, महेन्द्र राजपूत, राज शर्मा, रामदास चतुर्वेदी, महेश जी, पं तुलसीराम उपाध्याय, रामसिंह फौजी, प्रदीप बनर्जी, गिरीबाबा, नीलमणि आदि उपस्थित रहे।