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बीहड़ों का होता है पशु पालन के लिए उपयोग

बीहड़ों का होता है पशु पालन के लिए उपयोग
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स्विट्जरलैंड के कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीश.के. गुप्ता की स्वदेश से बातचीत



ग्वालियर।
स्विट्जरलैंड में बीहड़ों की समस्या बहुत ही कम है, पूरे स्विट्जरलैंड में मात्र 20 प्रतिशत बीहड़ हैं। यह बात स्वदेश से चर्चा के दौरान स्विट्जरलैंड के कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीश.के. गुप्ता ने कही। उन्होंने बताया कि वहांं जो 20 प्रतिशत बीहड़ हैं, उनका उपयोग अधिकतर पशु पालन एवं डेयरी व्यवसाय में किया जाता है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्विट्जरलैंड में बीहड़ों में पशुओं के लिए घास उगाई जाती हैं, जिसमें सबसे ज्यादा बर्निंग ग्रास एवं राई घास उगाई जाती है। जिससे बीहड़ों को बढऩे से रोकने के साथ ही जमीन में कटाव भी नहीं होता। एक सवाल के जवाब में डॉ. गुप्ता ने बताया कि चम्बल के बीहड़ों पर अपनी राय देते हुए बताया कि चम्बल में बीहड़ों में पशु पालन, फल के पौधे लगाकर एवं घास उगाकर बीहड़ों को खत्म कर उपयोग में लिया जा सकता है।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्विट्जरलैंड में पहाड़ों पर लगभग दो से तीन हजार मीटर ऊंचाई पर भी किसानों द्वारा पशु पालन किया जाता हैं। स्विट्जरलैंड की सरकार द्वारा किसानों को पशु पालन के लिए सबसिडी के साथ ही किसानों को पहाड़ों पर पशु पालन के लिए जगह भी दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर गाय-भैंस का जो दूध निकाला जाता है, उसे पाइप लाइन के माध्यम से लगभग 25 किलोमीटर नीचे कोऑपरेटिव सोसायटियों को भेजा जाता है जहां से इसेे एकत्रित कर फैक्ट्रियों में भेजा जाता हैं, जहां दूध से पनीर, कोटेज पनीर, दही आदि उत्पाद तैयार कर बाजार में भेजे जाते हैं।

डॉ गुप्ता ने बताया कि वह मूल रूप से इन्दौर निवासी हैं। यहां से एमएससी करने के बाद 1969 में स्विट्जरलैंड स्थित स्विज फैडरल विश्वविद्यालय में उन्होंने प्राध्यापक के पद पर कार्य किया। उसके बाद वह परिवार सहित वहीं शिफ्ट हो गए।

Updated : 8 March 2016 12:00 AM GMT
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