जेआईटी नहीं करेगी सुरक्षा अधिकारियों से पूछताछ
नई दिल्ली। पठानकोट आतंकी हमले की जांच के लिए भारत पहुंचे पाकिस्तान के पांच सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) सोमवार को केन्द्र सरकार ने सुरक्षा अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति नहीं दी है। हालांकि जांच दल की वार्ता राष्ट्रीय जांच एजेंसी से हुई है। पिछले ढाई दशक के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि आतंकी हमले की संयुक्त जांच के लिए पाकिस्तान ने सहमति जताई है। आतंकी हमले की जांच के लिए भारतीय अधिकारी संयुक्त जांच दल को हर संभव मदद कर रहे है। जांच दल मंगलवार को पठानकोट एयरबेस के लिए रवाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान जांच दल को एनआईए अधिकारी पठानकोट आतंकी हमले के संदर्भ में अब तक मिले सबूत साझा करेंगे। इसमें एनएसए प्रमुख अजित डोभाल द्वारा अपने पाकिस्तानी समकक्ष नसीर जंजुआ को सौंपे फोन कॉल की सारी डिटेल, बरामद हथियारों की पूरी जानकारी और हैंडलरों के आवाजों के नमूने आदि जैसी जानकारियां शामिल है। साथ ही एनआईए की टीम पाकिस्तानी जांच दल को आतंकी मसूर अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूतों को भी पेश करेगी। दूसरी और पाकिस्तानी जांच टीम हमले की सही जांच के लिए सुरक्षा अधिकारिओं के साथ भी पूछताछ करना चाहती है, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। साथ ही केन्द्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच दल को सड़क मार्ग की जगह हवाई मार्ग से ही पठानकोट ले जाया जाएगा।
इससे पहले पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल (जेआईटी ) रविवार को भारत पहुंचा था। भारत आने वाले जांच दल में शामिल पांच सदस्यों में पंजाब आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के प्रमुख राय ताहिर, खुफिया ब्यूरो लाहौर के उप महानिदेशक अजीम अरशद, आईएसआई के लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद, गुजरांवाला के अधिकारी शाहिद तनवीर सहित इरफान मिर्जा जैसे अधिकारी शामिल है।