उत्तराखंड: राष्ट्रपति शासन के खिलाफ अदालत पहुंची कांग्रेस

नई दिल्ली | राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस ने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह याचिका दायर कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का विरोध किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर लोकतंत्र का हत्या की है। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार ने धनबल और बाहुबल का दुरुपयोग कर पहले अरुणाचल में लोकतंत्र की हत्या की और अब उसने यही काम उत्तराखंड में किया है।
गौर हो कि उत्तराखंड में कई दिनों से चल रहे राजनीतिक गतिरोध की वजह से शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत की कथित रूप से एक स्टिंग ऑपरेशन सीडी जारी होने के बाद से वहां संवैधानिक संकट गहरा गया था। रविवार को राष्ट्रपति ने केन्द्र सरकार की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी थी। विधानसभा को भंग नहीं किया गया है बल्कि निलंबित रखा गया है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन के बावजूद किसी नई सरकार के गठन का विकल्प अभी खुला है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केन्द्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर आज सुबह संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत उद्घोषणा पर हस्ताक्षर करते हुए हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बर्खास्त किया और विधानसभा को निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए केंद्र ने सोची-समझी साजिश के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया है। केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य में विधानसभा में 18 मार्च को बहुमत हारने के बाद से रावत सरकार अल्पमत में थी। साथ ही सीएम हरीश रावत खुद विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे, जिसकी स्टिंग सीडी भी रिलीज की जा चुकी है। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष दलबदल कानून का भी पक्षपातपूर्ण ढंग से इस्तेमाल कर रहे थे।