देश के शहीदों की जानकारी युवाओं को दें: विजय
दतिया। जिस खुली हवा हमें आज हम सांस ले रहे हैं यह उन शहीदों की कुर्बानी की देन है। याद करो उन वीर शहीदों को जो खुद तो फांसी पर चढ़ गए लेकिन अंग्रेजों से आजादी छीन कर हमारे नाम कर गये। बावजूद इसके आज की भागमभागी में हम ऐसे शहीदों को भूलते जा रहे हैं। राष्ट्र के प्रति समर्पण और आजादी के जुनून को कायम रखने के लिए हमें ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित कर शहीदों की कुर्बानियों को युवाओं के सामने लाना होगा। तभी सही मायने में आजादी के लिए मर मिटने वाले शहीदों को हम श्रद्धांजलि दे पाएंगे। उक्त बात सोमवार को आयोजित शहीद स्मृति चल समारोह अवसर पर पी-99 कोचिंग के संचालक विजय सर ने कही। स्मृति चल समारोह शहर के विभिन्न मार्गों से निकला। इस दौरान लोगों ने जगह-जगह स्वागत भी किया। कार्यक्रम की शुरूआत भगत सिंह, राजगुरू, और सुखदेव की छायाचित्रों पर पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।
बता दें कि 23 मार्च को भारत मां के तीन सपूतों सुखदेव, राजगुरू और भगत सिंह को अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए फांसी दी गई थी। जिसकी याद में क्रांतिकारी विचारधारा युवा संगठन के तत्वाधान में एक दिन पहले 22 मार्च को आयोजित शहीद स्मृति चल समारोह में शामिल होने के लिए युवा 9 बजे से बग्घीखाना प्रांगण में जुटना शुरू हुए थे। लगभग दस बजे तक बग्घीखाना प्रांगण 150 युवाओं से भर गया था। हाथ में सिंदूरी झंडी लिए युवा भारत माता की जय के अलावा शहीदों की जय जयकार करते नारे लगाये जा रहे थे। शहीद स्मृति चल समारोह 10 बजे बग्घीखाना प्रांगण से शुरू हुआ जो किला चौक, दारूगर की पुलिया, बिहारी जी रोड, तिगैलिया, टाउनहाल, किला चौक होकर वापस बग्घीखाना प्रांगण में पहुंचकर सम्पन्न हुआ। तीन घण्टे के शहीदों की जय घोष के नारों ने पूरे शहर में वीर रस घोल दिया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संगठन के सोनू झण्डागुरू, गौरव दुबे, अजय जैन, चन्द्रकांत मुडिय़ा, अजयराज शर्मा, सोनू टिलवानी, संजय शर्मा, रिंकू बुन्देला, जय सेन, कंचन सेन, राहुल शर्मा, अभिषेक शर्मा, दीपू यादव, अंशू खांगट, रवि होतवानी, विजय सन्त, हैप्पी सरदार, सोमू तिवारी, मयंक तिवारी, सोनू खांगट, अनूप गुप्ता, सागर पुराणिक, मनीष गुरू, विवेक दिगम्बरिया, विनय शर्मा, सुनील कनकने, रतन कुशवाह, सौरभ तिवारी, अरविन्द कुशवाह आदि शामिल रहे।