...नहीं तो लगेगा ढाई प्रतिशत उपकर

एक अप्रैल से बढ़ जाएगा सम्पत्ति का पंजीयन शुल्क
ग्वालियर। यदि आप अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं,तो 31 मार्च से पहले पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री करवा लें। नहीं तो आपकी जेब पर इसका भारी असर पड़ेगा। पंजीयन विभाग ने नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से ढाई प्रतिशत उपकर लगाने की तैयारी कर ली है। इसका सीधा-सीधा प्रभाव संपत्ति कारोबारियों पर पडऩे की संभावना है।
नगर-निगम और नगर पालिका क्षेत्र में बड़ा बदलाव अप्रैल से होने जा रहा है। संपत्ति पर लगने वाले 1 प्रतिशत शुल्क को 2 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं ढाई प्रतिशत लग रहे उपकर को पांच प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है।
ऐसे पड़ेगा पंजीयन पर असर
नगर पालिका और निगम सीमा क्षेत्र की संपत्ति की खरीदी पर एक प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। इसे बढ़ा कर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें पंजीयन विभाग द्वारा रजिस्ट्री कराने पर डेढ़ प्रतिशत कर लगेगा। जिसमें निगम के कई समेकित कर और अन्य कर शामिल होंगे। लेकिन पंजीयन विभाग के सूत्र बताते हैं कि फिलहाल इस संबंध में आदेश आना बाकी हैं।
लेकिन शासन ने निर्णय ले लिया है। होली के बाद आदेश जारी होने की संभावना है। विभाग की यही कोशिश रहेगी कि समय रहते आदेश जारी कर दिए जाएं।
संपत्ति कारोबारी भी होंगे प्रभावित
उल्लेखनीय है कि शहर और नगर-निगम की सीमा में समाहित हो चुके ग्रामीण क्षेत्रों में एक सैंकड़ा से अधिक कॉलोनियां और इतनी ही संख्या में ड्यूपलेक्स बनकर बिक्री के लिए तैयार हैं। नवीन जिलाधीश कार्यालय,सिरोल रोड के साथ ही पूरे शहर में फ्लैट-ड्यूपलेक्स की कीमत लगभग 40 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक है। इन संपत्ति की रजिस्ट्री कराते समय एक से लेकर दो लाख रुपए ज्यादा देने होंगे। कई कारोबारी बताते हैं कि इससे हमारा व्यापार प्रभावित होगा। क्योंकि शहर में अभी दस से लेकर पन्द्रह हजार के लगभग फ्लैट और ड्यूपलेक्स को ग्राहकों का इंतजार है। लेकिन कर बढऩे से बिल्डरों को इस बात का डर है कि ग्राहक खरीदेंगे या नहीं। इसके अलावा हाइवे किनारे शहरी सीमा से सटी कृषि भूमि खरीदने वालों को भी ज्यादा रकम चुकानी होगी।
लोगों को जानकारी का अभाव
कर बढ़ोत्तरी की जानकारी बहुत कम लोगों को है, चूंकि 70 फीसदी संपत्ति की खरीद और बिक्री दलालों के माध्यम से होती है, उन्हें तो इसकी जानकारी है और वे अपने लोगों से तुरंत रजिस्ट्री कराने को कह रहे हैं। दूसरी तरफ, आम लोगों को कर के बारे में जानकारी नहीं है। होलाष्टक और जानकारी के अभाव में अभी रजिस्ट्रियां कम हो रही हैं।
इन्होंने कहा
एक अप्रैल से पंजीयन विभाग ढाई प्रतिशत उपकर लगाने की तैयारी कर रहा है। इससे ग्राहकों की संपत्ति खरीदी पर सीधा असर पड़ेगा। हम छोटे बिल्डरों को इससे अधिक नुकसान होगा।
रवि शर्मा
बिल्डर, शिन्दे की छावनी