पानी के बारे में विश्व बैंक की चेतावनी चिंतनीय: प्रो. लियाकत

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के भू-गर्भ विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर लियाकत अली खां राव ने कहा कि पानी के बारे में विष्व बैंक ने जो चेतावनी दी है वह एक गंभीर एवं चिंतनीय विषय है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2025 तक दुनियॉ के दो तिहाई देशों में पानी की किल्लत हो सकती है जबकि एशिया और खासतौर पर भारत में भी जलसंकट का दौर आने वाले दशकों में शुरू हो सकता है। यह बात कल 22 मार्च मंगलवार को मनाये जाने वाले विष्व जल दिवस के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि संसार के विभिन्न हिमनदों पर वैज्ञानिकों द्वारा हल में किये गये सर्वक्षणों एवं अध्ययनों से निष्कर्ष निकला गया है कि भविष्य में लोगों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। इन अध्ययनों से पता चला है कि पूरे विश्व में स्थित अनेक हिमनद (ग्लेशियर) काफी तीव्र गति से पिघल रहे हैं। जिसका कारण ग्लोबल वार्मिंग है।
प्रो. राव ने कहा कि कि हमारे देश में जिस तरह पानी की बर्बादी होती है उसे देखते हुए यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो बहुत देर हो जाएगी।
प्रो. राव ने कहा कि पानी में क्लोराइड, कैल्श्यिमकार्बोनेट, मैग्नेशियम, कैल्श्यिम, सल्फेट, नाइट्रेट, क्लोराइड, बोरोन, आयरन, कॉपर, कैडमियम, लेड, जिंक, क्रोमियम, आर्सेनिक, एल्युमिनियम, पारा आदि की पानी में वांछनीय सीमा अधिक होने से हृदय, गुर्दे, हड्डी में विकृति आदि की बीमारी पैदा हो सकती है।