पेयजल टैंकरों की सूचना अब मोबाइल या एसएमएस से

उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने की पेयजल वितरण व्यवस्था की समीक्षा

शिवपुरी। वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, खेल एवं युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने जिले की शहरी एवं ग्रामीणों क्षेत्र की पेयजल समस्या के निदान हेतु आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शिवपुरी शहर के प्रत्येक वार्ड के नागरिक को व्यवस्थित रूप से सही समय पर पानी मिले इसके लिए मोबाईल एप एवं एसएमएस के माध्यम से वार्ड के सभी लोगों को एक दिन पहले टैंकर आने की सूचना दी जाएगी जिसमें टैंकर का नंबर एवं समय अंकित रहेगा जिससे वार्ड के लोग समय पर पानी ले सकेंगे। इस व्यवस्था से जहां पानी वितरण में पारदर्शिता रहेगी, वहीं पानी का अपव्यय भी रुकेगा।

उद्योग मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बैठक में जिले की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके द्वारा विधायक निधि से नगर पालिका परिषद शिवपुरी को आठ पानी के टैंकर प्रदाय किए गए है। नगर पालिका के संसाधन और बढ़े इसके लिए अगले वर्ष की विधायक निधि से आठ टैंकर और प्रदाय किए जाएंगे जिससे नगर पालिका आत्मनिर्भर बन सके और शहरी क्षेत्र के लोगों को पेयजल आसानी ये सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में मोबाइल के माध्यम से पेयजल वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसी तर्ज पर नगर पालिका परिषद शिवपुरी में भी पेयजल के टैंकर की सूचना मोबाइल एप एवं एसएमएस के माध्यम से प्रत्येक वार्ड के नागरिकों को दी जाएगी।

उन्होंने टैंकरों की नागरिकों को सूचना देने वाली नगर पालिका परिषद शिवपुरी प्रदेश की पहली नगर पालिका होगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल स्थिति की समीक्षा करते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करे कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी नागरिकों को सुगमता से पेयजल उपलब्ध हो। बैठक में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सड़कों पर चर्चा की। बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार ने बताया कि जल वितरण के लिए प्रभारी नियुक्त कर उनके मोबाइल नंबर भी दिए गए है, चार जोन बनाए गए हैं। सात ट्रैक्टर के टेण्डर भी लिए गए हैं। तीन पुराने सबमर्सिबल पम्पों से सप्लाई की जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के कार्यपालन यंत्री ने भी ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल समस्या के निदान के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी।

मेडीकल कॉलेज की समीक्षा की
श्रीमती सिंधिया ने बैठक के पूर्व शिवपुरी में शुरू होने वाले चिकित्सा महाविद्यालय की डीपीआर पर चर्चा करते हुए प्रत्येक बिन्दु की विस्तार से समीक्षा की और निर्देश दिए कि जो भूमि चिकित्सा महाविद्यालय के लिए सुरक्षित की गई है, उसको हस्तांतरण कर चिकित्सा विभाग अपना कब्जा ले। उन्होंने आरक्षित भूमि की बाउण्ड्रीबॉल बनाने और उस भूमि पर हो रहे मुरम उत्खन्न को रोकने के निर्देश दिए। बैठक में मेडीकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल और डॉ. वर्मा ने भी मेडीकल कॉलेज के डीपीआर पर विस्तार से जानकारी दी।

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निजी जमीन को प्रशासन बता रहा है अतिक्रमण

अतिक्रमण का नोटिस मिलने के बाद चिंतित दुकानदारों ने एसडीएम को दिया ज्ञापन

शिवपुरी, ब्यूरो। गांधी चौक के हनुमान मंदिर और उससे संलग्न दुकानदारों को एसडीएम के आदेश पर नगरपालिका द्वारा कल अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया। ये दुकानदार उन 150 से अधिक नपा द्वारा चिन्हित अतिक्रामकों में शामिल हैं जिन्हें नोटिस जारी किया है।
नोटिस मिलने के बाद इन दुकानदारों ने कलेक्ट्रेट जाकर एसडीएम रूपेश उपाध्याय को अपना पक्ष स्पष्ट किया और बताया कि उनकी निजी स्वामित्व की जमीन को अतिक्रमण बता कर तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। इन दुकानदारों का नेतृत्व कर रहे रघुवरदास गोयल और विष्णु अग्रवाल ने इस संबंध में प्रशासन को रजिस्ट्री की छायाप्रति भी प्रस्तुत की और अपने आप को निर्दोष बताया। एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने दुकानदारों का पक्ष सुनने के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी रणवीर कुमार को आदेश दिया कि संबंधित पक्षों की सुनवाई करने के बाद वह अतिक्रमण तोडऩे के लिए गाईड लाईन बनायें और न्याय पूर्ण ढंग से कार्यवाही करें। इस अवसर पर एसडीओपी जीडी शर्मा और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
हनुमान मंदिर से संलग्न दुकानों के आठ दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है। जिनमें अग्रवाल एपलाईसेंस के विष्णु अग्रवाल, पंजाब इलैक्ट्रिकल्स के नरेश सढ़ाना, यादव मिष्ठान भण्डार के लाखन यादव, आशीष जैन तम्बाकू बाले, प्रेम स्टोर के अमित जैन आदि शामिल हैं। बताया जाता है कि ये दुकानदार रघुवरदास गोयल हनुमान मील बालों के किरायेदार हैं। एसडीएम से मिलने आये इन दुकानदारों के साथ रघुवरदास गोयल भी थे। श्री गोयल ने बताया कि सन् 1959 के पूर्व उनके स्वामित्व की जमीन पर चबूतरा बना हुआ था और श्री गोयल ने उस समय नगरपालिका के नक्शे को भी एसडीएम को दिखाया। उन्होंने बताया कि 1959 के बाद उन चबूतरों पर नगरपालिका से अनुमति लेकर दुकानें बनाई गई।
उच्च न्यायालय के आदेश पर नपा हुई सक्रिय
शहर से अतिक्रमण हटाने के लिए नगरपालिका इसलिए सक्रिय हुई क्योंकि शहर में बढ़ते अतिक्रमणों के कारण माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लम्बित है और उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। इस मामले में 26 मार्च तक उच्च न्यायालय में नपा को अपना पक्ष स्पष्ट करना है। इसी कारण प्रशासन आनन-फानन में कार्यवाही के मूड में है, लेकिन सवाल यह है कि अतिक्रमण तोड़े जाने के पूर्व अतिक्रमण सिद्ध करना भी आवश्यक है।

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