प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग कम करेगा मैकेनिकल ट्री

प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग कम करेगा मैकेनिकल ट्री
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कानपुर। लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग रोकने को मैकेनिकल ट्री तैयार हो गया है। इसे आईआईटी के सेवानिवृत्त प्रो. जेबी शुक्ला और अटल बिहारी बाजपेई इंस्टीट्यूट ग्वालियर के प्रोफेसर जे धर ने मिलकर तैयार कर लिया है। एक मैकेनिकल ट्री की कीमत 500 रुपए आई है। पूरा प्रोजेक्ट प्रोफेसरों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिया है। यह वायु प्रदूषण के साथ ही डस्ट पार्टिकल कम कर देगा। जहां इसे लगाया जाएगा आसपास का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। एक हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।

प्लास्टिक व एल्युमिनियम से तैयार होगा पेड़
प्लास्टिक और एल्युमिनियम की मदद से पेड़ को तैयार किया जाएगा। एक पेड़ में दो से आठ तक शाखाएं हो सकती है। इसमें बकेट व पाउच पोरस लगाया जाएगा। एल्युमिनियम और प्लास्टिक की मदद से पेड़ को करीब 15 फीट चौड़ा और 10 फीट ऊंचा तैयार किया जाएगा। इसकी लंबाई घटाई और बढ़ाई भी जा सकती है।

तैयार होगी कैल्शियम कार्वोनेट, दूर होगे पार्टिकल
पेड़ की ब्रांच में लगाई गई बकेट में पानी के साथ ही कैल्शियम आक्साइड डाली जाएगी। यह कैल्शियम आक्साइड कार्बन डाई आक्साइड को ले लेगा। इससे कैल्शियम कार्बेनेट बन जाएगा। इससे ही प्रदूषण कम हो जाएगा। डस्ट पार्टिकल को पानी ले लेगा। इससे पेड़ के आसपास वायु प्रदूषण मुक्त खत्म जाएगा। इसमे समय-समय पर पानी का स्प्रे किया जाएगा। इससे डस्ट पार्टिकल साफ होंगे।

शोभा बढ़ेगी, पेड़ से निकलेगा फव्वारा
मैकेनिकल ट्री में प्लास्टिक व एल्युमिनियम के साथ ही पाइप भी लगाए गए है। जब उसमे पानी का स्प्रे किया जाएगा तो पाइप के सहारे झरने के रूप में पानी भी निकलेगा। इसका अलग आकर्षण होगा। इस मैकेनिकल ट्री को डिवाइडर पर लगाकर शहर के साथ ही घर के आस-पास की शोभा बढ़ाकर प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

मंत्रालय ने पूरी रिपोर्ट मांगी
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार विजेता प्रो. जेबी शुक्ला ने बताया कि मैकेनिकल ट्री का माडल तैयार हो चुका है। परीक्षण के लिए ग्वालियर भेजा जा रहा है। पूरा प्रोजेक्ट एमएचआरडी विभाग को भेज दिया गया है। मंत्रालय ने पूरे प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

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