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दिव्यांग शिविर में भूखे रहे बच्चें

दोपहर तीन बजे मिला खाना

कराहल। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कराहल में लगाए गए दिव्यांग शिविर में दूर-दराज गांवों से आये बच्चें दिनभर भूखे ही रहे। तीन बजे जब भोजन के पैकेट श्योपुर से आए, तब कहीं जाकर उन्हें भोजन नसीब हुआ। एक तरफ प्रदेश सरकार दिव्यांगों के हित में जगह-जगह शिविर लगाकर उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दे रही है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अफसर इन शिविरों में लापरवाही बरत रहे हैं।

यही वजह है कि शिविर में आने वाले दिव्यांगों को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को विकास खंड मुख्यालय कराहल पर शिविर आयोजित किया गया, जिसमें दो सैकड़ा से अधिक दिव्यांगों ने हिस्सा लिया, लेकिन सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि दिव्यांग दिनभर खाने के लिए तरसते रहे। वनांचल के दूर-दराज से आए दिव्यांगों एवं उनके परिजन खाने के पैकेट तलाशते रहे, लेकिन उन्हें तीन बजे तक खाना नसीब नहीं हुआ। जब श्योपुर से पैकेट बनकर पहुंचे, तब कहीं जाकर उन्हें खाना नसीब हुआ। मगर तब तक बड़ी संख्या में दिव्यांग वापस जा चुके थे। दिव्यांगों का कहना है कि हमें भूखे-प्यासे यहां बुला लिया गया, किन्तु समय पर खाना नहीं दिया, जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई।

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.प्रदीप मिश्रा का कहना था कि बीएमओ ने खाने के पैकेट तैयार करने से मना कर दिया था। जिस कारण पैकेट श्योपुर तैयार कराए गए। हालांकि दोपहर ढाई बजे तक खाना नहीं मिलना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि आप और हम भी ढाई बजे ही बजे ही खाना खाते हैं।

दिव्यांगों को मिले सर्टिफिकेट
जिलाधीश पीएल सोलंकी की मौजूदगी में आयोजित दिव्यांग शिविर में यूं तो दो सैकडा से अधिक दिव्यांग शामिल हुए। लेकिन उनमें से पौन सैंकड़ा से अधिक दिव्यांगों के ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जा सके। शिविर में डीएम के अलावा एसपी एसके पांडे, एसडीएम एचसी कोरकू, जनपद सीईओ पीएन स्वामी, सीएमएचओ डॉ.प्रदीप मिश्रा आदि मौजूद थे।

Updated : 20 March 2016 12:00 AM GMT
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