बालों की सफेदी के लिए पर्यावरण नहीं, जीन जिम्मेदार

बालों की सफेदी के लिए पर्यावरण नहीं, जीन जिम्मेदार
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लंदन। पहली बार विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय समूह ने बालों के सफेद होने के पीछे पर्यावरण को नहीं, बल्कि अनुवांशिक कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। इस समूह को बालों के सफेद होने के पीछे अनुवाशिंक घटक की मौजूदगी के पक्के सबूत मिले हैं। इस शोध के लिए लैटिन अमेरिका के अलग-अलग वंश के छह हजार लोगों पर अध्ययन किया गया। इस दौरान बालों के रंग, घनत्व और आकार के साथ जु़डे नए जीन की पहचान की गई। अध्ययन में "आईआरएफ4" जीन की पहचान की गई। हालांकि इसे बालों के रंग में भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, लेकिन पहली बार इसका बालों के सफेद होने से संबंध मिला है।

अध्ययन के अनुसार, यह जीन मेलेनिन के विनियमन उत्पादन और भंडारण में शामिल है और मेलेनिन ही बालों, त्वचा और आंखों का रंग निर्धारण करता है। इसकी कमी से बालों का रंग सफेद होने लगता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एंडर्स रूज-लायनेयर्स ने बताया, "हमने बालों के पहले आनुवंशिक संबंध की खोज की है, जो मानव की उम्र बढने के जीव विज्ञान को समझने के लिए एक अच्छा मॉडल प्रदान करेगा।" उन्होंने बताया, "आईआरएफ4 का क्रियातंत्र किस प्रकार बालों के सफेद होने से संबद्ध है, इस बारे में जानने के बाद बालों को सफेद होने से रोकने के तरीके खोजे जा सकेंगे।" इसके अलावा शोध समूह ने कुछ अन्य जीनों की भी खोज की है। इनमें "ईडीएआर" जीन दाढ़ी के बालों की मोटाई और बालों के आकार और "एफओएक्सएल2" भौहों की मोटाई संबंधित होते हैं।

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