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बीस ग्रुप के लिए शराब के 142 करोड़ के टेण्डर आए

18 ग्रुपों के प्रस्ताव शासन की स्वीकृति के लिए भेजे

ग्वालियर। आबकारी विभाग द्वारा जिले की देशी-विदेशी शराब के लिए शुक्रवार को जिलाधीश कार्यालय में शराब के टेण्डर (निविदा) खोलने का कार्य किया गया। जिसमें से 20 ग्रुप (समूह)के लिए 142 करोड़ रुपए के शराब टेण्डर आए। जिनमें से पुरानी छावनी एवं बेहट के टेण्डर आरक्षित मूल्य से ज्यादा (6.7 करोड़) होने पर स्वीकृत कर लिए गए हैं। जबकि 18 समूहों की प्रस्तावित दर कम होने पर उन्हें शासन की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। इस दौरान जिलाधीश डॉ. संजय गोयल, पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा एवं आबकारी विभाग के उपायुक्त अजय शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग द्वारा 37 समूहों के लिए 262.69 करोड़ (77 देशी और 40 विदेशी ) के शराब टेण्डर होना था। जिनमें से 27 फरवरी को दो ग्रुप पर 18 करोड़ 78 लाख के टेण्डर स्वीकृत कर लिए गए। इसके बाद आबकारी विभाग द्वारा विगत 11 मार्च को 35 ग्रुप के लिए टेण्डर खोलने का कार्य किया गया। जिनमें से 18 ग्रुपों के लिए 126.80 करोड़ के टेण्डर आए। जिनकी दर कम होने के कारण शासन ने इन्हें निरस्त कर दिया। हालांकि प्रदेश भर में 11 मार्च को हुई दुकानों की नीलामी के चलते ग्वालियर में सबसे ज्यादा 30 टेंडर डाले गए थे। जो प्रदेश भर में शराब दुकानों के लिए मिले 100 टेंडर का एक चौथाई हिस्से से भी ज्यादा थे। इसके उपरांत शुक्रवार को 30 टेण्डर आए। जिनमें से दो को स्वीकृत कर लिया है। वहीं शासन को भेजे 18 ग्रुपों के टेण्डर शनिवार तक क्लियर हो जाएंगे।

शासन को चाहिए 154 करोड़
शासन की मंशा थी कि जिन 18 ग्रुपों को निरस्त कर दिया है उन पर उसे 154 करोड़ रुपए की राशि मिले। मगर इन ग्रुपों पर 134 से 136 करोड़ के टेण्डर शुक्रवार को आए हैं, जो पहले की अपेक्षा 8 से 10 करोड़ रुपए अधिक हैं। जिन्हें विभाग ने शासन के लिए भेज दिया है। जबकि 15 अन्य ग्रुपों के लिए चालू वित्तीय वर्ष की रिजर्व प्राइज से ज्यादा कीमत के ऑफर मिलने पर सभी प्रस्तावों को शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। आगामी 30 मार्च तक टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
चाक चौबंद रही पुलिस व्यवस्था

आबकारी विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट में शराब के टेण्डर खोले जाने के समय पुलिस व्यवस्था चाक चौबंद रही। इस दौरान जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। सबसे अधिक पुलिसकर्मी मुख्य द्वार पर तैनात थे।
बाहर खड़े रहे शराब ठेकेदार

दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक चली टेण्डर प्रक्रिया के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर शराब के ठेकेदारों का जमावड़ा लगा रहा। इस दौरान किसको टेण्डर मिलेगा और किसे नहीं जैसी चर्चाएं होती रहीं।
इन्होंने कहा

'18 ग्रुपों के टेण्डर की कीमत कम होने के कारण शासन को पहुंचा दिया है। जिनका निराकरण शनिवार दोपहर 12 बजे तक संभव है। जिन ग्रुपों के टेण्डर अधिक कीमत के आए थे, उन्हें स्वीकार कर लिया गया है।'

अजय शर्मा
उपायुक्त, आबकारी विभाग

Updated : 19 March 2016 12:00 AM GMT
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