रंगों के त्यौहार की दस्तक, बाजार में सजीं दुकानें
मुरैना। रंगो का त्यौहार होली को अब कुछ ही दिन शेष है। इस त्यौहार की शहर के बाजारों में दस्तक देखने को मिलने लगी है। होली का पर्व आपसी भाईचारे का त्यौहार है। रंगों के इस त्यौहार पर लोग सभी गिले-शिकवे भूलकर रंगों में इस तरह डूब जाते हैं कि लोगों को कोई भेद, रागद्वेस दिखाई नही देता है। प्रतिवर्ष की तरह होली के त्यौहार की दस्तक शहर के बाजारों में सजी आकर्षक रंग-बिरंगी पिचकायां, गुलाल, रंग की दुकाने दे रही हैं।
होली के त्यौहार के चलते बाजार में खरीददारी शुरू हो गई है। खासकर लोग बाजार में सजी रंग, गुलाल व पिचकारियों की दुकान खदीदारी करते नजर आ रहे हैं। पूर्व में इस त्यौहार को कम खर्चीला माना जाता था लेकिन अव ऐसा नही है, बढ़ती मंहगाई के चलते हर चीज की दुगनी कीमत हो गई है जिससे लोगों को त्यौहार के आते ही घर खर्च में इजाफा हो जाता है। होली के त्यौहार के चलते बाजार में घर-गृहस्थी का सामना खरीदते हुये दुकानों पर देखें जा रहे हैं। शहर में बाजार में ग्रामीण अंचल के लोग सामान खरीदने के लिये अधिक संख्या में आते हैं जिससे लोग एक-साथ सामान खरीदते हुये दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा इस बार बाजार में पहले की संख्या में ग्राहकों की दुकानों पर कम भीड़ दिखाई दे रही है।
जिले में दो बार हुई ओलावृष्टि से सैकड़ों ग्रामों की फसल बर्बाद हो गई जिससे किसान बुरी तरह प्रभावित हुये है, प्रकृति के बज्रपात से किसान बुरी तरह प्रभावित हुआ है इसके कारण होली के त्यौहार पर खरीददारी करते हुये ग्रामीण क्षेत्र के लोग कम दिखाई दे रहे हैं। तीन दिन तक मनाये जाने वाले रंगों के त्यौहार होली के बच्चों में खासा उत्साह रहता है इस त्यौहार में बच्चे खूब मौज-मस्ती करते हैं तथा पिचकारियों में रंग भरकर एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर देते हैं तथा घर में बने पकवानों का खूब आनंद लेते हैं।