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रीवा से लापता बालिका को घर पहुंचाया

बालगृह व सीडब्ल्यूसी तथा महिला सशक्तिकरण की नियमित काउंसिंलिग से मिली सफलता

शिवपुरी | जिला बाल कल्याण समिति (न्यायपीठ) शिवपुरी ने रीवा क्षेत्र के गुढ से गुम हुई किशोरी को उसके परिजनों को सुपुर्द करने का आदेश दिया है। बालिका आशा तिवारी 4 अक्टूबर 2015 को रीवा से सीधी जाने के स्थान पर ग्वालियर की बस में बैठकर आ गई थी। ग्वालियर आश्रम शांति निकेतन से शिवपुरी बालगृह में स्थांनातरण 5 जनवरी 2015 को किया। जहां बालिका की सीडब्लूसी, बाल गृह शकुंतला परमार्थ समिति एवं महिला सशक्तीकरण विभाग ने लगातार काउंसिंलिग की। इस काउसिंलिग में बालिका ने अपने घर व परिजनों को पते बताये जिस आधार पर उसे सकुशल उसके घर भेजने में सफलता हासिल की है।

जानकारी के अनुसार रीवा के गुढ गांव की रहने वाली है। 4 अक्टूबर 2015 को बालिका आशा अपने मामा के घर सीधी जाने बस में बैठी लेकिन व मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण ग्वालियर की बस में सवार हो गई। ग्वालियर पुलिस को यह बालिका मिली तो उन्होंने शांति निकेतन आश्रम में भेज दिया। यहां से उसे शिवपुरी भेजा गया। इस लापता बालिका की काउंसिंलिग लगातार दो माह तक सीडब्ल्यूसी की सदस्य श्रीमती उमा मिश्रा, आईसीपीएस की संरक्षण अधिकारी सरिता शुक्ला तथा बाल गृह शकुंतला परमार्थ समिति के अधीक्षक लखन लाल धाकड़ व सचिव सुश्री शैला अग्रवाल ने काउंसिलिंग की जिस पर रीवा पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा स्थानीय पुलिस गुढ थाने ने काफी कोशिश की तो बालिका आशा के घर का पता चल गया।

14 मार्च 2016 को रीवा से बालिका आशा के परिजन शिवपुरी आये तो जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन, सदस्यगण श्रीमती उमा मिश्रा, विनय राहुरीकर, दीपक शिवहरे, रवि गोयल की न्यायपीठ ने बालगृह अधीक्षक शकुंतला परमार्थ समिति को आदेश दिया। वह बालिका को उसके परिजन चन्द्रकांत तिवारी को सुपुर्द करें। बालिका परिजनों को लम्बे अंतराल के बाद मिलकर खुश हुई। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ओपी पाण्डेय ने सभी के समन्वय से लापता बालिका को उसके घर भेजने में विशेष दिलचस्पी पर धन्यवाद दिया है।

Updated : 15 March 2016 12:00 AM GMT
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