रेत, पत्थर के अधिक दाम वसूले तो, खैर नहीं
नियम तोडऩे वाली खदानों पर होगी कार्रवाई
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में जिलाधीश ने दिए निर्देश
ग्वालियर। सभी एसडीएम व खनिज विभाग का अमला इस बात का विशेष ध्यान रखे कि कोई भी विक्रेता रेत, पत्थर व गिट्टी आदि खनिज पदार्थों की निर्धारित कीमत से अधिक दाम नहीं वसूले। जो भी नियम तोड़ेगा तथा अधिक दाम वसूलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश सोमवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित अंतरविभागीय समन्वय बैठक में जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों एवं खनिज अधिकारी को दिए।
उन्होंने कहा कि जिलेवासियों को मकान इत्यादि निर्माण के लिए खनिज पदार्थ वाजिब दाम पर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन खदानों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रावधानों का उल्लंघन हो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही अर्थदण्ड भी अधिरोपित करवाएं। बैठक में डॉ. गोयल ने निर्देश दिए कि पहले रॉयल्टी, परिवहन खर्च इत्यादि का सही-सही आंकलन कर खनिज पदार्थों के विक्रय के दाम तय कर लें।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह व अपर कलेक्टर शिवराज वर्मा, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
उपकरणों की कमी नहीं पड़े: डॉ. गोयल
गर्मी के दौरान पेयजल समस्या के निदान पर डॉ. गोयल ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को हिदायत दी कि लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के भण्डार में राइजर पाइप इत्यादि सामग्री पर निगरानी रखें और यह सुनिश्चित करें कि हैण्डपम्प व नल-जल योजनाओं आदि के संधारण के लिए उपकरणों की कमी नहीं पड़े।
खन माफिया के खिलाफ वर्षों से नहीं हुई बड़ी कार्रवाईन
ग्वालियर। चम्बल के रेत माफियाओं की तरह ग्वालियर के पत्थर माफिया भी वर्षों से वन विभाग पर हावी हैं। यहां भी घाटीगांव क्षेत्र में सक्रिय माफिया संरक्षित वन क्षेत्र की जमीन से वेशकीमती फर्सी पत्थर निकाल कर जंगलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र में जितना पत्थर स्वीकृत खदानों से निकाला जाता है, उससे करीब तीन गुना पत्थर जंगलों में संचालित अवैध खदानों से निकाला जा रहा है। इस तरह इस क्षेत्र में हर माह करोड़ों की काली कमाई की जा रही है।
वन विभाग के पास अपना स्वयं का लम्बा-चौड़ा फौज-फाटा मौजूद है। बावजूद इसके यह विभाग खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन पर आश्रित रहता है। यही बजह है कि वर्षों से खनन माफियाओं के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है। इससे माफियाओं के हौंसले बुलंदी पर हैं और वे वन कर्मचारियों की जान तक लेने पर उतारू हैं। बताया गया है कि ग्वालियर जिले के घाटीगांव क्षेत्र के जंगलों की जमीन के अंदर सफेद फर्सी पत्थर की भरमार है। यह पत्थर काफी कीमती है। इसकी मांग देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है, इसलिए माफिया अवैध खनन के जरिए जान लेने और जान देने की कीमत पर इस पत्थर को हांसिल करते हैं।
सूत्रों के अनुसार फर्सी पत्थर का सबसे ज्यादा अवैध खनन घाटीगांव उत्तर रेंज के अंतर्गत जखौदा, लोंदूपुरा, बरकी बंजारी और सोन चिरैया अभयारण्य के घाटीगांव गेमरेंज के अंतर्गत महुआ खेड़ा, खाड़ी नाला, डांडा खिड़क, तिलावली आदि क्षेत्रों में होता है। इसके अलावा ग्वालियर रेंज के अंतर्गत छौंड़ा क्षेत्र में काले पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। बताया गया है कि उक्त क्षेत्रों में पत्थर का अवैध खनन दिन में किया जाता है और रात्रि में इसे उठाकर स्वीकृत खदानों के पास रख दिया जाता है, जहां से परिवहन पास जारी कराकर इसे फड़ों पर पहुंचाया जाता है। इस तरह से अवैध खनन का यह कारोबार वर्षों से चलता आ रहा है, लेकिन इस काले कारोबार को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
फड़ों पर भी नहीं होती कार्रवाई
ग्वालियर शहर और मोहना में पत्थरों के तमाम फड़ (स्टोन पार्क) संचालित हैं। सूत्रों के अनुसार जंगलों में संचालित अवैध खदानों से निकाला जाने वाला अधिकांश पत्थर इन्हीं फड़ों पर पहुंचता है, इसलिए इन फड़ों पर मौजूद पत्थर कितना वैध है और कितना अवैध है। इसकी जांच समय-समय पर की जाना चाहिए, लेकिन सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन और खनिज विभाग ने कई वर्षों से फड़ों पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खनन माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई पुलिस और प्रशासन की मदद के बिना संभव नहीं है और पत्थर के फड़ों की जांच कराने की जिम्मेदारी खनिज विभाग की है। वन विभाग अकेला यह काम नहीं कर सकता।
जल्दी होगी बड़ी कार्रवाई
मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर वृत्त राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में चल रही वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जल्दी ही ग्वालियर व चम्बल दोनों संभागों के शीर्ष अधिकारियों के संयुक्त नेतृत्व में खनन माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी, जिसमें दोनों संभागों के प्रमुख विभागों का अमला शामिल रहेगा, लेकिन कार्रवाई कब और कहां तथा किस रूप में होगी? इसका खुलासा हम अभी इसलिए नहीं करेंगे क्योंकि माफिया सजग हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दोनों संभागों के शीर्ष अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक हो चुकी है, जबकि दूसरी संयुक्त बैठक 20 मार्च तक होना है, जिसमें खनन माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। इसके बाद जो कार्रवाई होगी, उसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।