पाक में आतंकियों का बनना और हमारे देश भारत में घुसना व पनाह पाना

शिवरात्रि पर मंदिर हैं, आतंकियों के निशाने पर पाकिस्तान द्वारा पहली बार दिए इस इनपुट के आधार पर खुफिया सूचना साझा करने का यह उदाहरण प्रथम दृष्ट्या तो अच्छा मालूम पड़ता है।परंतु इससे पाकिस्तान में आतंकियों के उत्पादन का न रुक पाना जहाँ-वहाँ के नवाज शरीफ नेतृत्व की मजबूरी पर प्रश्नचिन्ह लगाता है तो वहीं हमारे देश में आतंकियों के घुसने, पनाह पाने और आतंकी हमलों को अंजाम देने की असुरक्षा ने आंतरिक हालातों में मौजूद स्वार्थी, अराजक, अलगाव आतंकी व राष्ट्रद्रोही गद्दारों की खतरनाक उपस्थिति का संज्ञान दिया है। मंदिर-मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च में पूजा व त्योहारों के सही निर्वहन में असुरक्षा का मँडराता खतरा जिस प्रकार से चलन बनता जा रहा है उसमें हमारी सरकारों का नेतृत्व साजिशी-गन्दी राजनीति द्वारा पैदा की गयीं दुश्वारियों से बेहद हलाकान है यही नहीं पक्ष-विपक्ष की सरकारों का मंतव्य राष्ट्रहितों की अनदेखी में निजी स्वार्थी राजनीति के बंधुआ होने में दृष्टिगोचर हो रहा है।यदि पाकिस्तान आतंकियों को भारत प्रवेश को रोकने में विफल है तो वहीं हमारी सरकार भी उन आतंकियों की घुसपैठ व आतंकी हमलों को रोकने की सफलता में कहाँ दृढ़ व्यवहृत होती है। फौजियों की शहादत के तीव्र हुये सिलसिले व आतंकी हमलों में जान माल की अपार क्षति से ठोस निजात पाने के सुरक्षा उपक्रमों का विकसित होना हमारे राष्ट्र के लिए बेहद जरुरी है।
हरिओम जोशी