रेल आंदोलन के तीसरे दिन भी पांच लोग क्रमिक अनशन पर बैठे
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स के बैनर तले दिया धरना
उरई (जालौन)। गुरुवार को पूर्व घोषित केंद्रीय श्रम संगठनों, फैडरेशन के राष्ट्रीय आवाहन के विरोध दिवस पर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स जिला शाखा के बैनर तले कलेक्ट्रेट परिसर में धरना सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति श्रम विरोधी नीति, महंगाई, श्रम कानूनों में बदलाव बजट में सरकार की उपेक्षा पूर्ण नीतियों के खिलाफ मजदूरों, कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
धरना सभा को संबोधित करते हुये सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स के सचिव का. कमलाकांत वर्मा ने कहा कि केंद्र प्रदेश सरकार की स्क्रीम वर्कर्स आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिड-डे-मील, आशा, रोजगार सेवक आदि को मानदेय की जगह न्यूनतम वेतन दिया जाये साथ ही ऐसे कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये निर्धारित हो। समान कार्य के लिये समान वेतन दिया जाये। सभी को सामाजिक सुरक्षा दी जाये। पुरानी पेंशन नीति बहाल कर सभी को न्यूनतम दो हजार रुपये पेंशन दी जाये। महंगाई पर रोक लगाने के लिये ठोस योजना बनायी जाये। श्रम कानूनों को सख्ती से प्रदेश में लागू किया जाये।
रोजगार सृजन के लिये ठोस क दम उठाये जायें। सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण विनिवेशीकरण पर रोक लगे। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को वापस लिया जाये साथ ही रेलवे, बैंक और बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश पर रोक लगायी जाये। अंत में केंद्रीय श्रममंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान राबिया खान, मंजू शर्मा, संगीता कटियार, राजेश शुक्ला, रिया सिंह कटियार, कमलेश यादव, चंद्रशेखर सहित अनेकों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं।