पोषण सहयोगिनी शिशु मृत्यु दर कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है: कु.चतुर्वेदी

सुपोषण अभियान के तहत पोषण सहयोगनियों का 7 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

शिवपुरी | पोषण सहयोगनी शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के साथ-साथ बच्चों में कुपोषण कम करने में मां, परिवार एवं समुदाय के व्यवहार परिवर्तन में अहम् भूमिका निभा सकती है। उक्त आशय की जानकारी एकीकृत बाल विकास शिवपुरी की जिला कार्यक्रम अधिकारी कु.ममता चतुर्वेदी ने सुपोषण अभियान के तृतीय चरण के तहत आयोजित होने वाले स्नेह शिविरों के पूर्व पोषण सहयोगनियों के 7 दिवसीय क्यूरेटिव प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर दी। स्थानीय होटल में आयोजित कार्यक्रम में सहायक संचालक श्री रतन सिंह गुडिय़ा, परियोजना अधिकारी श्रीमती नीलम पटेरिया, पर्यवेक्षक नैनी त्रिवेदी, श्रीमती उषा शर्मा मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षण प्रदाय किया।


कु. ममता चतुर्वेदी ने प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कहा कि जन्म से लेकर 6 माह तक के बच्चे के लिए मां का दूध अमृत के समान है। 6 माह के बाद मां अपने बच्चे को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार भी दे सकती है। जिसकी जानकारी पोषण सहयोगनियों द्वारा शिशु की मां एवं उनके अन्य परिजनों को देकर बच्चे को स्तनपान के लिए प्रेरित करेंगी।


कु. चतुर्वेदी ने बताया कि 12 दिवसीय स्नेह शिविरों के माध्यम से पर्यवेक्षक एवं पोषण सहयोगिनी आंगनवाड़ी केन्द्र पर जहां चार से अधिक एवं 15 से कम बच्चे जो अतिकम वजन के है, उन बच्चों के वजन बढ़ाने हेतु मां को समझाईस देकर उनके व्यवहार में परिवर्तन लाना है। उन्होंने बताया कि सुपोषण अभियान वर्ष 2015-16 के तहत तृतीय चरण में 08 से 21 मार्च 2016 तक आयोजित होने वाले स्नेह शिविरों में आने वाले छह माह तक के बच्चों का फोलोअप किया जाएगा।

प्रशिक्षण में बताया गया कि तृतीय चरण के दौरान 65 स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों के पूर्व पोषण सहयोगनियों को 7 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदाय किया जाएगा। जिले में सुपोषण अभियान के तहत प्रथम चरण में सितम्बर माह में 60 स्नेह शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें दर्ज 488 बच्चों मे से 405 बच्चों का 200 ग्राम से अधिक बजन बढ़ा। जबकि 54 बच्चे के बजन में 200 ग्राम से कम इजाफा हुआ।

इसी प्रकार दिसम्बर 15 में आयोजित द्वितीय चरण में 70 स्नेह शिविरों का आयोजन कर दर्ज 595 बच्चों में से 507 बच्चों का 200 ग्राम से अधिक और 81 बच्चों का 200 ग्राम से कुछ कम वजन में वृद्धि हुई। प्रशिक्षण के पहले दिन पोषण सहयोगिनियों को मास्टर ट्रेनर्स द्वारा बच्चों में कुपोषण के कारण उनकी सुरक्षा एवं स्वच्छता के बारे में अभिभावकों एवं समूदाय का व्यवहार परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी। प्रत्येक शिविर के उपरांत पोषण सहयोगनियों को 3 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदाय की जाएगी।

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