अमृत योजना प्रजेंटेशन में अधिकारियों से बोले महापौर

पहले वार्ड स्तर पर जरूरी काम चिन्हित करें

ग्वालियर। स्मार्ट सिटी की दौड़ में पिछड़े ग्वालियर शहर की व्यवस्थाएं दुरस्त करने के लिए नगर निगम ने अमृत योजना के कार्यों गति देने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में सोमवार को सिटी सेन्टर स्थित नगर निगम मुख्यालय में शासन द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट मेहता एण्ड मेहता कम्पनी द्वारा पूर्व में तैयार की गई डीपीआर का प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें महापौर विवेक शेजवलकर ने अधिकारियों को शहर के प्रत्येक वार्ड के मुख्य कार्यों का सूक्ष्म सर्वे कर उन्हें पहले डीपीआर में लेकर प्राथमिकता से कार्यों का चयन कर सीवर व पेयजल के कार्यों को पूर्ण कराने पर जोर दिया। महापौर ने कहा कि शहर में पहले से ही दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट है, जो कि ठीक स्थिति में नहीं है। इसमें क्षेत्रीय स्तर पर ही सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों को प्राथमिकता दें। प्रजेंटेशन के दौरान निगमायुक्त अनय द्विवेदी, अपर आयुक्त संदीप माकिन, डॉ. एम.एल. दौलतानी, अधीक्षण यंत्री आरएलएस मोर्य, प्रदीप चतुर्वेदी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। निगमायुक्त श्री द्विवेदी ने अधिकारियों को बताया कि अमृत योजना के तहत सीवर एवं पेयजल के लिए प्रथम चरण में 174 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही अमृत योजना में सीवेज आदि के लिए कुल 432 करोड रुपए प्राप्त होना है। इसके लिए डीपीआर जल्द तैयार कर कंसल्टेंट कम्पनी के प्रतिनिधि एवं नगर निगम के संबंधित अधिकारी चर्चा करें और मूलभूत कार्यों का मौके पर जाकर सर्वे कर 15 से 20 फरवरी तक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट एवं सीवेज डिस्पोजल की रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि कार्यों का वर्गीकरण कर आवश्यकता अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को पूर्ण कराएं।
प्रजेंटेशन के दौरान कंसल्टेंट कम्पनी के अधिकारियों ने विस्तार से शहर में बनने वाले विभिन्न सीवर ट्रीटमेंट प्लांट एवं पूर्व में बने शहर के दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर चर्चा की। साथ ही शहर में सीवर की डेमेज हो चुकी पुरानी लाइनों को बदलने और नई सीवर लाइनें डालने को लेकर भी चर्चा की गई।
कंसल्टेंट कम्पनी के अधिकारियों ने शहर की पेयजल व्यवसथा को लेकर भी प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि कम्पनी द्वारा पिछले 15 से 20 सालों में पेयजल के लिए शहर में किए गए कार्यों का अध्यन किया जाएगा। इसके बाद सुचारू जल व्यस्वथा के लिए भविष्य के 30 वर्षों को देखते हुए तैयारी कर कार्य पूर्ण किए जाएंगे। प्रजेंटेशन के दौरान अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए, जिन्हें भी चर्चा के बाद नई डीपीआर में शामिल किया जाएगा।

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