रेलवे की जमीनों से हटेगा कब्जा
अधिकारियों ने तैयार किया कब्जे वाली जमीनों का खाका
ग्वालियर। रेलवे की जमीन शहर के हर कोने में है। इस जमीनों पर लोगों ने बसाहट भी कर ली है। वर्षों से लोग इन जमीनों पर कब्जा कर निवास कर रहे हैं। वर्षों बाद रेलवे को अपनी जमीन की सुध आई है और अब रेलवे के अधिकारी सर्वे करते हुए रेलवे की जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए खाका तैयार कर रहे हैं, लेकिन अतिक्रमण कैसे हटाया जाए? इसको लेकर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
रेलवे बोर्ड से मिले आदेश पर मंडल के अधिकारी सभी स्थानों पर पहुंच र रेलवे की जमीनों का खाका तैयार कर बोर्ड को भेज रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जहां पर रेलवे की जमीन है, उसको उपयोग में लिया जाए और जो जमीन उपयोग में नहीं आ सकती, उसे स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया जाए, जिससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी। इस आदेश के बाद पूर्व में सहायक मंडल प्रबंधक शहर का निरीक्षण भी कर चुके हैं, लेकिन परेशानी की बात यह है कि वर्षों से जिस जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान खड़े कर दिए हैं, उन भवनों की रजिस्ट्री तक जिला प्रशासन कर चुका है। ऐसे में इन जमीनों को कैसे खाली कराया जा सकता है। जो जमीन खाली है, उसको भले ही रेलवे उपयोग में ले या उसको नीलाम कर राजस्व प्राप्त करे। यदि नैरोगेज लाइन की ही बात की जाए तो रेलवे स्टेशन से लेकर घोसीपुरा और उससे आगे मौतीझील तक पटरी के आसपास स्थित रेलवे की जमीन पर सैकड़ों की संख्या में भवनों का निमार्ण हो चुका है।
ऐसे में इन भवनों को कैसे हटाया जाएगा या फिर रेलवे की जमीन को भवन स्वामी को ही दे दिया जाएगा। इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।
इन स्थानों पर है रेलवे की जमीन
रेलवे की जमीन गोला का मंदिर, मुरार, हजीरा, रेलवे स्टेशन से लेकर घोसीपुरा-मौतीझील तक पड़ी हुई है।