रेलवे हॉकी स्टेडियम के बुरे हाल, एस्ट्रोटर्फ उखड़ा
अतंर्राष्ट्रीय मैच देखने तरसे हॉकी प्रेमी
ग्वालियर। गालव ऋषि की नगरी ग्वालियर में एक समय तक हॉकी की हुकूमत रही है। जहां से हॉकी की प्रथम पीढ़ी में कै.रूपसिंह, मेजर ध्यानचंद एवं शिवाजीराव पवार की परंपरा को आगे बढ़ाया यहां के दूसरी पीढ़ी के खिलाड़ी हसरत कुरैशी एवं शिवेन्द्र चौधरी ने। शायद! दूसरी पीढ़ी के खिलाड़ी जिस मैदान से निकले वह है रेलवे हॉकी स्टेडियम जहां पर पसीना बहाकर ही इन खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय टीम तक का सफर तय किया। वर्तमान में भी इस मैदान पर कई खिलाड़ी अभ्यास कर देश के लिए खेलने का सपना मन में पाले हुए हंै। लेकिन वर्तमान समय में यह संभावनाएं पूरी तरह धूमिल होती दिखाई दे रही हंै।
क्योंकि रेलवे की अनदेखी के चलते यहां की व्यस्थाएं चरमरा रही हैं जिसमें से प्रमुख है यहां का एस्ट्रोटर्फ जो जीर्ण -शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है, लेकिन रेलवे का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया है। जिसके चलते इस मैदान पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले न होने से शहर में हॉकी के प्रति उत्साह का माहौल दिखाई नही दे रहा। क्योंकि इस मैदान पर शहर वासियों ने कई मुकाबलों में कलाईयों के जादूगरों की कला देखी है। उल्लेखनीय है कि रेलवे हॉकी स्टेडियम का निर्माण 1987 में तत्कालीन रेल मंत्री स्व.माधवराव सिंधिया ने कराया था जहां पर उनके रहते इस मैदान पर अनेक अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय हॉकी के मुकाबले हुए और शायद वह समय ग्वालियर हॉकी के लिए स्वर्णिम दौर भी था।
एस्ट्रोटर्फ के पूरे हुए दस साल
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में रेलवे हॉकी स्टेडियम में दूसरी बार एस्ट्रोटर्फ को लगे हुए आागमी चार फरवरी को दस वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसका शुभारंभ चार फरवरी 2006 को पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था। वैसे हॉकी के जानकारों के अनुसार एक एस्ट्रोटर्फ की सही देख-रेख में अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले के लिए आयु लगभग छह या सात वर्ष ही रहती है। जिसके अनुसार यह वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के योग्य भी नही रहा और शायद इसी के चलते हॉकी इंडिया से इस मैदान को बड़े मुकाबलों की मेजबानी नही मिल सकी है। हालांकि खेल समिति के कुछ सदस्यों ने का कहना है कि जल्द ही हम रेलवे को एस्ट्रोटर्फ बदलने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से पत्र व्यवहार करेंगे।
इन्होंने कहा
इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मैं जानकारी लेकर वरिष्ठ अधिकारिया को ग्वालियर रेलवे स्टेडियम पर एस्ट्रोटर्फ की वस्तु स्थिति से अवगत कराता हंू।
गिरीश कंचन
जनसम्पर्क अधिकारी, झांसी मंडल