राष्ट्रपति भवन में 12 मार्च से दो सप्ताह तक रहेंगे सात स्कॉलर
नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन द्वारा इनोवेशन स्कॉलर-इन-रेजीडेंस कार्यक्रम के लिए चुने गये किये गये सात स्कॉलर आगामी 12 मार्च से राष्ट्रपति भवन में दो सप्ताह तक रहकर अपने आविष्कारों को और उन्नत बनाने की दिशा में काम करेंगे।
राष्ट्रपति भवन में रहने ककए लिए जिन लोगों को आमंत्रित किया है, उनमें मिनी हाइड्रो टरबाइन बनाने वाले कर्नाटक के जी. के. रत्नाकर, अखरोट तोडने की मशीन बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के मुश्ताक अहमद डार, हि.स. बांस की खरपच्ची बनाने की मशीन बनाने वाले मिजोरम के लाल बियाकजुआ लाराल्टे ने, बुनाई मशीन बनाने वाले आंध्र प्रदेश के मल्लेश लक्ष्मीनारायण चिंथाकिंदी, आधुनिक बैलगाडी एवं इनोवेटिव पुली बनाने वाले गुजरात के अमृतलाल भवनदास अग्रावत, राइट बॉयोटिक एवं एंटी बॉयोटिक का पता लगाने वाले उपकरण को बनाने वाली आंध्रप्रदेश की अनुराधा पाल तथा पैर से किताब के पेज पलटने वाली मशीन बनाने वाले असम के स्वप्निल देबाजित तालुकदार शामिल हैं।
राष्ट्रपति भवन में प्रवास के दौरान इन सभी को अपने आविष्कारों को उन्नत करने के लिए विभिन्न तकनीकी संस्थानों से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। तकनीकी संस्थान इन आविष्कारों को आम लोगों तक पहुंचाने में भी मदद करेंगे।
जानकारी हो कि राष्ट्रपति भवन ने 11 दिसंबर 2013 में यह योजना शुरू की थी। इस योजना का उददेश्य देश के लोगों को आविष्कार के लिए प्रेरित करके उन्हें आवश्यक संसाधन एवं माहौल उपलब्ध कराना है।