इस वर्ष पड़ेंगे चार ग्रहण

पहला सूर्य ग्रहण 9 और चन्द्र ग्रहण 23 को

ग्वालियर। इस वर्ष चार ग्रहण पड़ेंगे। इसमें 2 चंद्र और 2 सूर्य ग्रहण शामिल हैं। साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण 9 मार्च को फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष अमावस्या बुधवार को पड़ेगा।

इस ग्रहण को खंडग्रास एवं गस्तोदित ग्रहण के नाम से जाना जाएगा। जबकि 23 मार्च फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा बुधवार को चन्द्रग्रहण पड़ेगा। यह ग्रहण मगछाया चन्द्रग्रहण के नाम से जाना जाएगा। यह दोपहर 3 बजकर 9 मिनट से प्रारंभ होगा। मोक्ष काल शाम 7.24 मिनट तक रहेगा। जिसकी कुल अवधि चार घंटे 15 मिनट रहेगी।

ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण भारत के पश्चिम-उत्तर क्षेत्रों में दिखाई नहीं देगा। देश के दक्षिण-पूर्व में सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ेगा। इसके अलावा मध्य क्षेत्र में भी कुछ जगह दिखाई देगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में मध्य रेखा भाग में प्रात: 5.43 से प्रारंभ होगा और मोक्ष 6.52 तक रहेगा। जो ग्रहण भारत में दिखाई देगा उस समय बन रहे ग्रह नक्षत्रों के संयोग व सूर्य ग्रहण के प्रभाव से देश में हिंसात्मक घटना व प्राकृतिक आपदा आने की आशंका है। साथ ही देश के प्रभावशाली उम्रदराज लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी झेलनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण चूंकि पृथ्वी को प्रभावित करता है इसलिए देश के अनेक भागों में प्राकृतिक आपदाओं की संभावनाएं प्रबल है और साथ ही आतंकवाद, नक्सलवाद के रूप में हिंसात्मक घटनाओं की भी संभावना बन रही है।

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

शुभ- मेष, वृषभ, कन्या, धनु,
सामान्य-मिथुन, सिंह, वृश्चिक, मकर
अशुभ- कर्क, तुला, कुंभ, मीन

ग्रहण का प्रवेश व मोक्षकाल
9 मार्च को सुबह 4 बजकर 49 मिनट से ग्रहण काल शुरू होगा और मोक्षकाल सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण से 12 घंटे पहले के काल को सूतक काल माना जाता है इसलिए 8 मार्च को शाम 5 बजकर 30 मिनट से सूतक लगेगा और इस दौरान मंदिर के पट बंद रहेंगे और घर में भी पूजा-पाठ पर रोक रहेगी। इसकी अवधि 5 घंटे 15 मिनट तक रहेगी।

कहां-कहां दिखाई देगा

पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत सहित मध्यपूर्व दक्षिण उत्तरीय, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर में दिखेगा। वहीं मध्यप्रदेश में दतिया, छतरपुर, बिलासपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा में भी दिखाई देगा।

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