राज्यपाल का अभिभाषण
गेहूं उत्पादन में प्रदेश दूसरे नंबर पर
भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज हुई। अभिभाषण में सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए बताया है कि किसान की कड़ी मेहनत और सरकार के प्रयासों के कारण आज गेहूं उत्पादन में मध्य प्रदेश देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। इसके अलावा औषधियों, अमरूद, लहसुन में पहले और संतरा, मटर, प्याज, धनिया उत्पादन में देश का तीसरे नंबर राज्य बन चुका है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कार्रवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल रामनरेश यादव ने अभिभाषण के कुछ हिस्सों को पढ़ा और फिर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने उन्हें विदा किया। अभिभाषण में 154 बिंदुओं में सरकार ने अपनी उपलब्धियों को बताया है। शुरुआत में पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के शांतिपूर्वक संपन्न होने का हवाला देते हुए उनके परिणामों को सरकार के प्रति जनता के पुख्ता विश्वास का प्रमाण बताया है। साथ ही कहा है कि सरकार अपने जनसंकल्प 2013 व विजन 2018 के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
अभिभाषण में डॉ. आंबेडकर की 125 वीं जयंती व पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में प्रदेश में गरीब कल्याण वर्ष मनाए जाने की बात कही गई है। इसके तहत कहा गया है कि शहरी व ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टे देने व अन्य सरकारी योजनाओं का प्रभावी ढंग से लाभ देने का अभियान चलाया जा रहा है। सरकार ने कहा कि वर्ष 2003-04 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद एक लाख दो हजार करोड़ था जो 2014-15 में चार गुना बढ़कर पांच लाख आठ हजार करोड़ रुपए पहुंच चुका है। पिछले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पादन में 10.19 फीसदी की वृद्धि कर राज्य देश में नंबर वन रहा।
किसानों को लेकर सरकार ने अभिभाषण में काफी उपलब्धि बताईं। प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश के किसानों और खेती को अकल्पनीय हानि पहुंची जिसके लिए सरकार ने विधानसभा का वशेष सत्र बुलाया था। किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने अपने खर्चों में आवश्यकतानुसार कटौती कर उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाई और फसल क्षति के लिए 4600 करोड़ रुपए सीधे उनके खातों में जमा कराए। सरकार ने दो साल के दौरान किसानों को विभिन्न योजनाओं में 27 हजार करोड़ रुपए के अनुदान दिए हैं। 2014-15 में प्रदेश की कृषि विकास दर 20.11 फीसदी रही जो देश में सबसे ज्यादा है। 2017 तक प्रदेश के सभी किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड जारी कर दिए जाने का लक्ष्य है। इसी तरह किसानों को बिजली के स्थायी कनेक्शन देने का अभियान भी आरंभ किया गया है। सोलर पंप की स्थापना प्रोत्साहित की जाएगी। मेरी सरकार कृषि उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एपीडा की तर्ज पर संस्था बनाई जा रही है। सहकारिता का नेटवर्क भी फैलाया जा रहा है जिससे हर किसान को उससे जोड़ा जाएगा।
अभिभाषण में सरकार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को आदर्श ढंग से अमल किया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में करीब पांच लाख 53 हजार हितग्राहियों को 3034 करोड़ रुपए के ऋण बैंकों द्वारा निर्गमित किए गए हैं। प्रधानमंत्री बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति और अटल पेंशन योजना में प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप पांच साल में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य भी हासिल करने के लिए कोशिशें जारी हैं।
भू-राजस्व में संशोधन
मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता मंत्रिमंडल परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहमति प्रदान की गयी। बैठक की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने वैट संषोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत पेट्रोल और डीजल पर फिक्ट टैक्स लगाया जायेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जायेगा।
वहीं भू-राजस्व अधिनियम में भी संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी है। मंत्रिपरिषद ने आज चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए प्रदेश में 2882 नर्स की भर्तियों पर अपनी सहमति जताई। एक अन्य निर्णय में कैबिनेट ने सिंहस्थ कुंभ में अखाड़ों को सस्ता अनाज देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सिंहस्थ के दौरान अब अखाड़ों को गेंहू 9 रूपए किलो और चावल 11 रूपए किलों की दर से उपलब्ध कराया जायेगा। सरकार ने आज एमएसएमई के तहत राजधानी में एक टूलरूम बनानें के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी। इसके लिए अचारपुरा में टूलरूम के लिए नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के दौरान ही हल मैहर में संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किये गये महाकुंभ के सफल आयोजन पर नगरीय प्रशासन मंत्री लालसिंह आर्य, उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह की प्रशंसा की।