उपद्रवियों का स्टेशन चौराहे पर उत्पात, चक्काजाम, तोडफ़ोड़

अम्बेडकर विचार मंच के उपद्रवियों के हुड़दंग से सहमे लोग, तीन घण्टे तक लगा रहा जाम
ग्वालियर। हाथों में डंडे, लोहे की राड और लाठियां लिए अम्बेडकर विचार मंच के राष्ट्र विरोधियों ने रविवार को स्टेशन चौराहा पर जमकर उत्पात करते हुए चक्काजाम कर दिया। उपद्रवियों ने गाडिय़ों की तोडफ़ोड़ कर सड़क पर कब्जा कर बैठ गए। चक्काजाम और तोडफ़ोड़ की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। बेखौफ उपद्रवियाों ने पुलिस के सामने ही राष्ट्र विरोधी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। तीन घण्टे से भी ज्यादा समय तक स्टेशन चौराहा पर हुड़दंगियों ने बवाल मचाया। भाजपा नेता सहित अन्य पर मामला दर्ज होने के बाद उपद्रवियों ने हंगामा करना बंद किया।
अध्यक्ष ने दौड़कर बचाई जान, पुलिस बनी तमाशबीन
अम्बेडकर विचार मंच द्वारा बाल भवन में आयोजित संगोष्ठी में मंच से राष्ट्र विरोधी बातें करने वालों का विरोध करना कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा। सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और समूह बनाकर देशभक्त संगठन के खिलाफ नारे लगाते हुए पड़ाव पुल पर पहुंच गए। हाथों में लाठी व लोहे की राड और डंडे लिए कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन स्थित पेट्रोल पम्प के पास जाम लगाकर सड़क को घेर लिया और जो भी वाहन वहां से निकला, उसी पर लाठियां बरसाकर उसके कांच तोड़ डाले। तोडफ़ोड़, मारपीट और हंगामा करने वाले उपद्रवियों ने राहगीरों के साथ झूमाझटकी कर उन्हें धमका दिया और रास्ते से निकलने से मना कर दिया। गुण्डागर्दी करने वाले उपद्रवियों ने पड़ाव पुल पर जमकर तीन घण्टे तक हंगामा कर लोगों को अपना निशाना बनाया और उनकी गाडिय़ों की तोडफ़ोड़ कर डाली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के विरोध मेंं नारे लगाने वाले इन उपद्रवियों ने पड़ाव स्टेशन वाले मार्ग को चारों ओर से घेर लिया। जैसे ही चक्काजाम की सूचना पुलिस अधिकरियों को मिली, वह स्टेशन स्थित पेट्रोल पम्प पर पहुंच गए। स्थिति नियत्रंण से बाहर होते देख शहर के थानों से बल बुला लिया गया। सड़क घेरकर बैठे हंगामा करने वाले मांग कर रहे थे कि जिन लोगों ने उनके कार्यक्रम में खलल डाला है, उनके खिलाफ कार्यवाही कर गिरफ्तार किया जाए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन ने उपद्रवियों को समझाकर हंगामा बंद कर जाम खोलने के लिए कहा, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। काफी माथापच्ची और मनमुहार करने के बाद भी गुण्डागर्दी करने वाले सड़क छोडऩे को तैयार नहीं हुए। अंतत: पुलिस को उपद्रवियों के आगे झुकना पड़ा और विश्वविद्यालय थाने में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष सहित 100 अन्य अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया।
महापौर बंगले की तोड़ी नाम पट्टिका
उपद्रव करने वाले नारे लगाते हुए जब महापौर के बंगला रूपसिंह स्टेडियम के सामने से निकले। इस दौरान उन्होंने महापैार बंगले पर लगी नाम पट्टिका को तोड़ डाला।
आंतरी नगर परिषद अध्यक्ष की कार तोड़ी
जिस समय उपद्रवी स्टेश चौराहे पर गुंडागर्दी कर सड़क को घेरकर बैठे थे, उसी समय फूलबाग की ओर से आंतरी नगर परिषद के चेयरमेन भारत सिंह यादव अपने दो साथियों के साथ कार से स्टेशन की ओर आ रहे थे। जैसे ही उपद्रवियों की नजर भाजपा की नेमप्लेट लगी कार पर पड़ी तो उसको घेर लिया और लाठियां बरसाना शुरू कर दीं और कार को उपद्रवियों ने चकनाचूर कर दिया। इस दौरान भारत सिंह ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई।
बिना अनुमति के कार्यक्रम मेंं जुटाई भीड़
अम्बेडकर विचार मंच के कर्ताधर्ताओ ने राष्ट्र विरोधी कार्यक्रम करने के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी। विश्वविद्यालय थाने में पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था के लिए आवेदन दिया था, जबकि नगर निगम के अधीन सरकारी इमारत बाल भवन में कोई भी कार्यक्रम होता है तो उसकी विधिवत एसडीएम कार्यालय से अनुमति ली जाती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया, जो सरासर गलत है। ऐसा नहीं करने पर जो कर्ताधर्ता इस कार्यक्रम थे, उन पर प्रशासन कार्यवाही भी कर सकता है।
पुलिस के सामने लहराए डंडे
पुलिस शहर में लाइन आर्डर का पालन कराने का हर व्यक्ति को पाठ पढ़ाती है, लेकिन रविवार को चंद लोगों की भीड़ ने जो नंगानाच सरेआम किया, उसे जिसने भी देखा दंग रह गया। हाथों में डंडे लिए उपद्रवी भाजपा और संघ के विरोध में नारे लगा रहे थे, जबकि पुलिस मूक बनकर गुण्डों का तमाशा देखती रही। एक नहीं पूरे तीन घण्टे तक उपद्रवियों ने जो मुंह में आया बोला और नारे लगाए, जबकि गोली अम्बेडकर विचार मंच के कार्यकर्ताओं ने ही चलाकर माहौल को खराब किया था। पुलिस के अधिकारियों को उपद्रवी सरेआम ललकार रहे थे तो पुलिस उन्हें सांत्वना देकर शांत करा रही थी।
दिनेश ने स्वयं कार फोड़कर अशांति फैलाई
थाटीपुर स्थित साठ फुटा रोड पर रहने वाले दिनेश पुत्र नवलसिंह मौर्य और अम्बेडकर विचार मंच के कार्यकर्ताओं के इरादे शुरू से ही ठीक नहीं लग रहे थे। विवाद के दौरान दोनों पक्षों आमने-सामने आ गए और लात-घूंसे चलने लगे। एक पक्ष कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम के पास से चला आया। इसी समय माहौल को खराब करने और शहर के शांतप्रिय वतावरण को बिगाडऩे का पूरा फायदा उठाते हुए दिनेश मौर्य स्वयं अपनी कार पर हमला कर उसके कांच तोडऩे लगा। तोडफ़ोड़ करने के दौरान दिनेश अपना हाथ घायल कर बैठा और आरोप दूसरे पक्ष पर लगाकर पड़ाव पुल पर नाटक कर सड़क पर लेट गया, जबकि दिनेश की यह करतूत पुलिस को बाद में मालूम चली। दिनेश को हवा देने वाले वो लोग कौन हैं, जिन्होंने शहर के माहौल को बिगाडऩे का प्रयास किया।
गुण्डागर्दी करने वाले पुलिस सेे प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जाम खोलने की कह रहे थे। उसी समय भीड़ में आंतरी नगर परिषद के चेयरमेन भारत सिंह यादव भी आ गए और गाड़ी तोडफ़ोड़ करने वालों पर प्रकरण दर्ज करने की कहने लगे। उनका इतना कहना ही हुआ था कि उपद्रवियों ने उन्हें भीड़ से खींच लिया और गुण्डागर्दी करते हुए उनके साथ मारपीट करते, इससे पहले ही उन्होंने अपना गिरेबान अम्बेडकर विचार मंच के गुण्डों से छुड़ाया और जान बचाने के लिए दौड़ लगा दी। उपद्रवी भारत सिंह के पीछे पड़ गए। उन्होंने गुण्डों से बड़ी मुश्किल से जान बचाई। इस तमाशे को पुलिस आंख बंद करके देखते रही। चाहे उपद्रवी चेयरमेन की जान ही ले लेते।
जाम में फंस कर लोग हुए बेहाल
शहर का सबसे प्रमुख चौराहा पड़ाव पुल रेलवे स्टेशन मार्ग है। यहां पर तीन घण्टे तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रही। हुड़दंगियों ने एक भी वाहन को सड़क से नहीं निकलने दिया। चक्काजाम का असर गोले का मंदिर, फूलबाग, गांधीनगर, रेलवे स्टेशन मार्ग पर दिखा। लोग तीन घण्टे तक जाम में फंसे रहे। सिटी सेन्टर और फूलबाग पर वाहनों की कतार लग गई तो वहीं इधर स्टेशन बजरिया और गांधी रोड पर लोग तीन घण्टे तक अजीब स्थिति में फंसे रहे। पुलिस भी मौके पर मूक दर्शक बनी देखती रही और उपद्रवी गुण्डागर्दी करने से पीछे नहीं हटे।
फोन करके बुलाया
अम्बेडकर विचार मंच के लोग पड़ाव पुल पर पहुंचकर हुड़दंग करने लगे। भीड़ इकट्ठी करने के लिए फोन करके हॉस्टल से उपद्रव करने के लिए युवकों की टीम बुला ली गई। हंगामा करने वाले न तो किसी दल से थे, न वह कार्यक्रम में शमिल थे।
गालव की भूमि पर किसने खेला खेल
गालव ऋषि की तपोभूमि में आज से पहले कभी इस प्रकार अम्बेडकर विचारधारा के लोग सड़कों पर हाथ में लाठियां लेकर नहीं उतरे। रविवार को जो कुछ भी स्टेशन के पास घटित हुआ, उसमें देश विरोधी तत्वों की शरारत साफ नजर आ रही है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से चला यह षडय़ंत्र शहर में कौन ले आया। यह तो बाद का विषय है, लेकिन जेएनयू के प्रोफेसर समाजशास्त्री विवेक कुमार अचानक शहर में कैसे और किसको अपना ज्ञान बांटने आए थे। उन्होंने गालव ऋषि की तपोभूमि को शायद इसलिए चुना होगा कि यहां पर एक बहुत बड़ा तबका उनका इंतजार कर रहा है, जो उनके इशारे पर सड़कों पर उतर आएगा और अपने को दलित बताकर जुर्म करने की दुहाई देकर कुछ ऐसा करेगा, जो पूरे शहर की संस्कृति, भाईचारे की साफ सुथरी छवि को धूमिल करेगा। तीन घण्टे तक जो कुछ भी पुलिस के सामने घटा, उससे कुछ हद तक प्रोफेसर सफल हो गए हैं, लेकिन ऐसे लोगों के राष्ट्र विरोधी बातों से कुछ भी नहीं होगा।
थाने में पुलिस को किया परेशान
दिनेश मौर्य और उसके साथी विश्वविद्यालय थाने में अपनी मर्जी से प्राथमिकी दर्ज कराना चाहते थे। उन्होंने सामने बैठकर मामला दर्ज कराया। इस दौरान एएसपी वीरेन्द्र जैन को अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना पड़ा क्योंकि जिस प्राकर की बातें वह कर रहे थे, उससे पुलिस को परेशानी होना लाजिमी थी। बाद में पुलिस ने उन्हें किसी तरह थाने से विदा किया।
चौराहे पर दिखाई प्राथमिकी, तब हटे
गुण्डागर्दी करने वाले किसी भी कीमत पर चौराहे को छोडऩे को तैयार नहीं थे। तीन घण्टे के बाद जब उनके हाथ में प्राथमिकी आ गई और उसे उनके साथी ने पढ़कर नहीं सुना दिया, तब तक वह संतुष्ट नहीं हुए। प्राथमिकी मिलने के बाद हुड़दंगी एक बार फिर बाल भवन पहुंचे और आगे की रूपरेखा बनाई।
38 नम्बर बंगला पुलिस ने घेरा
उपद्रवी इतने बौखला गए थे कि वह किसी को भी नहीं छोड़ रहे थे। पुलिस को जैसे ही उप्रदवियों के आक्रामक अंदाज दिख्र, तो तत्काल रेसकार्स रोड पर भाजपा के 38 नम्बर बंगले पर टीआई राघवेन्द्र सिंह तोमर और आरबीएस विमल को बल के साथ तैनात कर दिया। देर शाम तक पुलिस बल बंगले पर तैनात रहा।