आजादी की आड़ में अराजकता नहीं फैलाने दी जाएगी: रघुनंदन शर्मा

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में जिस तरह शैक्षणिक संस्था की गरिमा के प्रतिकूल वातावरण बना और राष्ट्र विरोधी नारे लगे और जिन आतंकवादियों को देष के सर्वोच्च न्यायालय ने दंडित किया उन्हीं के समर्थन में देष के विखंडन के नारे लगाये गये उसे कदापि उचित नहीं कहा जा सकता। सवा अरब जनता का खून उबल उठा, लेकिन ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों की अराजकता को राहुल गांधी ने आजादी का अधिकार बनाकर यह भी साबित कर दिया कि आखिर देष में अलगाववाद, नक्सलवाद, आतंकवाद, माओवाद की पीठ पर कैसे-कैसे राजनैतिक दलों का हाथ है।
उन्होंने कहा कि आजादी और प्रच्छन्नता, शालीनता और शरारत में भेंद करने के लिए बुद्धि, राजनैतिक समझ की आवश्यकता होती है, लेकिन राहुल गांधी ने निरी राजनैतिक निरक्षरता का सबूत दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाये जाने और देश के विखंडन का संकल्प व्यक्त करने की प्रवृत्ति को दोहराया गया तथापि राहुल गांधी ने ऐसे तत्वों को शह देकर सियासत में खुमकशी करने जैसा प्रयास करके कांग्रेस और उन दलों की असलियत बेपरदा कर दी है जो आजादी की आड़ में अराजक तत्वों की परदे के पीछे प्रोत्साहन देते हैं और शहीदों की शहादत का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के विरूद्ध केंद्र सरकार ने जो कार्यवाही की है उसका राष्ट्रव्यापी समर्थन है। केंद्र सरकार को संकल्पित होना चाहिए कि देष में अलगाववाद को प्रश्रय देने वाले तत्वों को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
रघुनंदन शर्मा ने कहा कि आजादी के नाम पर राष्ट्र विरोधी तत्वों का संरक्षण करने की प्रवृत्ति का ही नतीजा है कि जम्मूकष्मीर में राष्ट्रीय अखंडता को खंडित करने की दृष्प्रवृत्ति पनपी है, लेकिन इस घटना के बाद अब कदाचित इस बात में कोई संषय नहीं रहा है कि देष के विरूद्ध कार्य करने वाले तत्वों को कैसे-कैसे किनका इषारा और किन की ताकत है। केंद्र सरकार दृढ़संकल्प के साथ ऐसे तत्वों का मूलोच्छेदन करे जनता की मंषा भी इसके अनुरूप है। उन्होंने कहा कि मिडरा वाले ने तो श्रीमती इंदिरा जी के शासन काल में ऐसे नारे भी नहीं लगाये थे तो भी इंदिरा गांधी ने लौह संकल्प से बड़ी कार्यवाही करके दहषत दी थी। ऐसे में श्री राहुल गांधी और वे तत्कालीन कार्यवाही जो श्रीमती इंदिरा द्वारा की गइ्र थी उसके विरोध में भी आवाज उठायेंगे। क्या कांग्रेसी मिडरा वाले का समर्थन करने आगे नहीं आने की भूल स्वीकार करेंगे?