राजनैतिक व गैर राजनैतिक दलों ने निर्बाध विद्युत आपूर्ति देने की मांग
संयुक्त उद्योग व्यापार मण्डल व बुन्देलखण्ड विकास सेना ने प्रमुखत से रखी मांग
ललितपुर। एक दिवसीय जनपद भ्रमण पर आये मुख्य सचिव आलोक नाथ निरंजन ने राजनैतिक व गैर राजनैतिक संगठनों की समस्या को सुना। जिसमें जनपद की निर्वाध विघुत आपूर्ति की सार्वधिक मांग की गयी। इसी क्रम संयुक्त उद्योग व्यापार मण्डल के संयोजक सुमित अग्रवाल के नेतृत्व में एक ज्ञापन मुख्य सचिव आलोक रंजन को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि ललितपुर जनपद बुन्देलखण्ड का सर्वाधिक पिछड़ा व उत्तर प्रदेश का आखिरी जनपद है, साथ ही विकास से अछूता। यहां युवाओं को रोजगार के लिए उद्योग नहीं हैं और जो उद्योग जनपद के स्थानीय व्यापारियों के स्थापित है, वह भी ध्वस्त हैं। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था खराब होने से यह भी बंदी की कगार पर हैं। यहां पर कोई उद्योगपति उद्योग लगाना नहीं चाहता, बल्कि स्थानीय उद्योगपति पड़ौसी प्रदेश मध्य प्रदेश में अपने उद्योग स्थापित कर रहे हैं। जिस कारण यहां का युवा बेरोजगार है। अघोषित विद्युत कटौती से स्थानीय व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। इसी के साथ रात्रिकालीन कटौती के चलते आपराधिक घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। बताया कि उत्तर प्रदेश के विद्युत उत्पादन में ललितपुर जनपद का बड़ा योगदान है। जनपद के राजघाट व माताटीला बांध से विद्युत उत्पादन हो रहा है। तो वहीं चिगलौआ पावर प्लांट भी स्थापित हो चुका है। उन्होंने मुख्य सचिव से ललितपुर जनपद में पावर प्लाण्ट से प्राथमिकता के आधार पर विद्युत आपूर्ति किये जाने व शासन स्तर से प्राईवेट व सरकारी सेक्टर में उद्योग स्थापित किये जाने की पहल किये जाने की मांग की। ताकि ललितपुर जिले का विकास हो सके। ज्ञापन देते समय संयोजक सुमित अग्रवाल, रामगोपाल ताम्रकार, पप्पू करीम राईन, अमित तिवारी, विशाल रावत, दीपक जैन, रामस्वरूप साहू, मनीष सड़ैया, प्रवीण जैन, दीपक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
वहीं बुन्देलखण्ड विकास सेना ने भी मुख्य सचिव को अवगत कराया कि अकाल जैसी विभीषका से जूझ रहे जनपद के कि सानों को तुरन्त राहत प्रदान करने एवं जनपद 24 घण्टे बिजली आपूर्ति दिलाये जाने की मांग की गयी। बताया गया कि पिछले 8 वर्षों से चार सूखा बार सूखा झेल चुके जनपद पर अकाल की काली छाया मडरा रही है। खरीफ की लगभग 90 प्रतिशत फसल बर्वाद होने के बाद रबी की फसल की भी करीब 90 प्रतिशत बुआई नही हो पायी है। खेत खलियान रगिस्तान नजर आ रहे है। केन्द्रीय और प्रदेशी सरकारी प्रतिनिधि मण्डल भी अपने सर्वे में यहां की विभीषिका को स्वाकारा है। परन्तु जिस तेजी से राहतकारी, मुआवजा वितरण एंव रोजगार सृजन के कार्य तथा ङ्क्षसचाई व्यवस्था अपेक्षित, नही हुये। जनपद में इतन सारे बांध होने के बाद भी जनपद पानी और विघुत समस्या से जूझ रहा है। इसके अलावा बताय गया यहां पर्यटन की असीम संम्भावनायें है। यहां की विश्व स्तरीय मूर्ति कला, बौद्ध गुफा, एवं पौराणित धार्मिक स्थल बहुतायत में है। पर्यटन स्थलों का सौन्दर्यीकरण तथा संपर्क मार्ग बनाये गये है। नगर में ही प्राचीन धार्मिक आस्थओं का प्रतीक जीर्णाेद्धार सौन्दर्यीकरण एंव वोट क्लब बनाने की मांग की गयी। मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि शिक्षा व स्थाथ्यय क्षेत्र में जनपद काफी पिछड़ा है। इजीनियर कॉलेज, मेडीकल कॉलेज, पैरामेडीकल कॉलेज शीघ्र प्रारम्भ किय जाये ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनपवासियों की उच्च स्तर की बहुलता मिल सके। वहीं संयुक्त चिकित्सालय मे चिकित्सको, पैरामेडीकल स्टॉफ, नर्सोंं का जबदरस्त अभाव है। उनकी नियुक्तिया ंकी जाये। बताया गया कि मान्नीय हाईकोर्ट एवं प्रदेश सरकार ने पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये पॉलीथीन की प्रतिबंधित किया गया है। परन्तु उनके आदेशों की धज्ज्यिां उड़ायी जा रही है। जनपद धड़ल्ले से पालिथीन की बिक्री हो रही है, जिनको रोकने के जिला प्रशासन नाकाम है। ज्ञापन देते समय सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू, अशोक तिवारी, नन्दराम कुशवाहा, अकुंर सिंघई, कदीर खां, श्याम सिंह परिहार, हीरो खां, अभिषेक पटैरिया, पूरन, चाली राजा, हनुमत ङ्क्षसह, सुखबीर सिंह, रामस्वरूप, परवेज पठान, रामदास, पुष्पेन्द्र शर्मा, भैय्यन कुशवाहा, महेश, प्रकाश, रोहित साहू, सुखलाल, रूपङ्क्षसह, बृजेश आदि उपस्थित रहे।
वहीं नगर कांग्रे कमेटी ने मुख्य सचिव को ज्ञान सौंपकर अवगत कराया कि जिले के किसान भुखमरी की कगार पर हैं तो वहीं दूसरी ओर पानी, सोलर व कोयले से उत्पादित विद्युत के बावजूद भी ललितपुर अंधेरे में है। इन सभी समस्याओं को लेकर नगर कांग्रेस कमेटी ने एक सत्रह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्य सचिव आलोक रंजन को सौंपते हुये कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस ने ललितपुर को चौबीस घण्टे विद्युत आपूर्ति किये जाने, स्थानीय लोगों को रोजगार दिये जाने, बुन्देलखण्ड ग्रिड की स्थापना किये जाने, अधिग्रहीत लोगों की जमीनों का मुआवजा व पुनर्वास के लिए अतिरिक्त मुआवजा दिये जाने, सिंचाई एवं पेयजल का पानी अन्यत्र न दिये जाने, बुन्देलखण्ड पृथक विद्युत नीति बनाकर बुन्देलखण्ड को आधी दरों पर विद्युत मुहैया कराये जाने, नियामक आयोग से दरों में बदलाव कराते हुये अधिभार बुन्देलखण्ड की जनता पर न लगाये जाने, जनहित में विद्युत मीटर जो तेज भाग रहे हैं उसे बदलकर सही मीटर लगवाये जाने, किसानों को फसल का मुआवजा जल्द दिलाये जाने इत्यादि मांगों से अवगत कराया। इस दौरान नगराध्यक्ष हरीबाबू शर्मा के साथ अनेकों कांग्रेसी मौजूद रहे।