बिगड़ते पर्यावरण पर जताई चिंता

आईटीएम में अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस टिम्स का शुभारंभ, देश दुनिया के पर्यावरणविद् वैज्ञानिक और शोधार्थी जुटे
ग्वालियर। आईटीएम विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और सतत् विकास के लिए प्रौद्योगिकी के नवाचार और प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गुरूवार से शुरू हुई छठवीं अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस टिम्स में बिगड़ते पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधनों के बेजा इस्तेमाल और अनियंत्रित विकास पर तो चिंता जताई गई, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित बनाने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री नरेंन्द्र सिंह तोमर उपस्थित थे। जबकि मुख्य वक्ता के रूप में पंडित मदन मोहन मालवीय टेक्नीकल यूनिवर्सिटी गोरखपुर के कुलपति डॉ. ओंकार सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईटीएम विवि के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. एसजी देशमुख, कुलाधिपति के सलाहकार आरडी गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आज पर्यावरण पर आए संकट को लेकर समूची दुनिया चिंतित है। जलवायु में जिस तरह से परिवर्तन हो रहे है, वास्तव में ये चिंता का विषय है और कहीं न कहीं ये हालात इसलिए बने है कि हमने कुदरत से बेजा छेड़छाड की है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. सिंह ने कहा हम अब डिजीटल ऐज में हैं भारत दुनिया के युवा देशों में शुमार हैं। ऐसे में युवाओं की जिम्मेदारी इस बात के लिए ज्यादा बनती हैं कि वे इस दुनिया को जीने योग्य बनाए। कार्यक्रम में एबीपी ट्रिपल आईटीएम के निदेशक प्रो. एसजी देशमुख,आईटीएम के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह, प्रो. आर.डी. गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जावड़ेकर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से किया सम्बोधित
अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में केन्द्रीय वन पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी आने वाले थे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वे यहां नहीं आ सके। ऐसे में उन्होंने दिल्ली से वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिये कान्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने भी जलवायु में हो रहे परिवर्तन और उसके चलते मौसम बेमौसम आने वाली बाढ़ व दीगर प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता जताई।