दोशियान कंपदोशियान कंपनी की ना-नुकुर के बाद नपा ने सिंध जलावर्धन योजना के टेंडर लगाए
24 फरवरी तक 27 करोड़ के शेष कार्य के टेंडर ले सकते हैं ठेकेदार
शिवपुरी। कैबिनेट द्वारा दोशियान कंपनी को एडवांस के रूप में आठ करोड़ रूपए की राशि देने का प्रस्ताव पारित होने के डेढ़ माह पश्चात भी दोशियान कंपनी सिंध जलावर्धन योजना के शेष काम को पूर्ण करने में उत्सुक नहीं दिख रही। अभी तक उसने नगरपालिका को तीन करोड़ रुपए की न तो बैंक गारंटी प्रस्तुत की है और न ही नगरपालिका से पूरक अनुबंध के प्रति कोई दिलचस्पी दिखाई है। इसी कारण नगरपालिका ने दोशियान कंपनी को दबाव में लेने हेतु सिंध जलावर्धन योजना के शेष कार्य के टेंडर लगा दिए हैं। लगभग 27 करोड़ के इस कार्य के लिए इच्छुक ठेकेदार 24 फरवरी तक अपनी दरें प्रस्तुत कर सकते हैं।
नगरपालिका के इस रुख से दोशियान कंपनी सकते में हैं। वहीं नगरपालिका के अधिकारियों ने दोशियान कंपनी के संचालक रक्षित दोशी को मोबाइल पर हिदायत दी है कि वह पूरक अनुबंध और बैंक गारंटी प्रस्तुत करने से पहले ही काम शुरू करे ताकि जिन सड़कों पर सीवेज प्रोजेक्ट की पाइप लाइन डल चुकी हैं उन पर सिंध जलावर्धन योजना की पाईप लाईन भी डाली जा सके ताकि सड़कों के निर्माण पर लगी बाधा हट सके।
जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्षों से अधिक समय से दोशियान कंपनी ने सिंध जलावर्धन योजना का कार्य नेशनल पार्क क्षेत्र में पाईप लाईन डालने की अनुमति निरस्त होने के बाद रोक दिया था। दोशियान कंपनी ने नेशनल पार्क क्षेत्र के अलावा नगरपालिका सीमा में भी काम करने से यह कह कर हाथ खड़े कर दिये थे कि उसके पास काम करने के लिए पैसे नहीं है।
इसके बाद दोशियान कंपनी ने नगरपालिका से अग्रिम भुगतान की मांग की। इस मांग पर योजना समिति ने सहमति व्यक्त करते हुए प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेज दिया था। तब से यह प्रस्ताव कैबिनेट में लटका हुआ था लेकिन 21 जनवरी को शिवपुरी विधायक और प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की मेहनत और प्रयासों से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली और दोशियान कंपनी को अग्रिम भुगतान के रूप में आठ करोड़ रुपए स्वीकृत हुए और इस बाबत पत्र भी नगरपालिका ने दोशियान कंपनी को देकर उनसे पूरक अनुबंध करने को कहा। लेकिन पूरक अनुबंध से पूर्व दोशियान कंपनी को तीन करोड़ की बैंक गारंटी भी देने को कहा गया। परन्तु डेढ़ माह बीतने के बाद भी दोशियान कंपनी ने बैंक गारंटी प्रस्तुत नहीं की। इसके बाद नगरपालिका ने दोशियान कंपनी को दवाब में लेने के लिए टेंडर लगा दिए।
विदित हो कि इसके पूर्व भी नगरपालिका ने सिंध जलावर्धन योजना के टेंडर तब लगाए थे जब दोशियान कंपनी ने काम रोक दिया था। इस दबाव के परिणामस्वरूप दोशियान कंपनी ने काम शुरू कर दिया, जिससे नगरपालिका को लगाए गए टेंडर निरस्त करना पड़े। इस दवाब से मुक्त होने के बाद दोशियान कंपनी ने फिर काम बंद कर दिया।