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जय जय बोलो निर्मल गणेश की...

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विदेशी कलाकारों ने सुनाए हिन्दी, मराठी भजन


ग्वालियर।
विदेशी कलाकारों के दल ने शास्त्रीय संगीत की धुनों पर ऐसा समां बांधा कि उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। अवसर था बुधवार शाम को महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय के खेल परिसर में सहज संास्कृतिक समिति, सहज परिवार के तत्वावधान में एमएलबी महाविद्यालय के खेल परिसर में आयोजित ‘म्यूजिक ऑफ जॉय’ संगीत संध्या का। जहां एक मंच पर 22 विदेशी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पार्षद सतीश सिकरवार उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि व समिति के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस मौके पर विदेशी संगीत कलाकारों ने शास्त्रीय, उपशास्त्रीय संगीत में राग मालकोश, राग बाघेश्वरी, राग जैजैवंती तथा सरोद वाद्य पर दरबारी प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने हिंदी-मराठी भजन गायन में प्रसिद्ध मराठी लोक गीत जोगवा ‘अनादी निर्गुणि प्रगटली भवानी...’ जय-जय बोलो निर्मल गणेश की’...ओंकार प्रधान रूप गणेशाचे हे तिन्ही देवांचे जन्मस्थान...’ की प्रस्तुति दी। इससे पूर्व विदेशी कलाकारों ने श्री निर्मला देवी नमोस्तुते भजन की प्रस्तुति देकर सभी की वाहवाही बटोरी। इस अवसर पर संस्था के कोर्डिनेटर रतन पुरवाड़, चन्द्रभूषण राय, अपर्णा पाटील, डॉ. बी एन व्यास, प्रणय जैन, मनीष द्विवेदी, सोनल जैन, देवेश पाल, रहमान खान सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन स्वप्निल धायड़े ऩे किया। जबकि आभार चंद्रभूषण राय ने व्यक्त किया।

इन्होंने दी प्रस्तुति
विदेशी संगीत कलाकारों में जॉन स्माईली, लिंडन डी वेले, रिचर्ड, पीटर, राजेश, मरेनिया, डैबी, अकुला, विनोला, जूली द्वारा गायन की प्रस्तुति दी गई। वहीं हारमोनियम पर जॉन व लिंडन, केविन, पॉल, कोलिन ने गिटार, एण्ड्रे बांसुरी पर, वायलिन पर ग्रेस, तालवाद्य पर जॉन, मायकेल, तबले पर महेश वर्मा, व ढोलक पर अंजन सिंह ने संगत की। कार्यक्रम से पूर्व विदेशी कलाकार जॉन ने संगीत प्रेमियों को हिन्दी भाषा में प्रणाम किया। जिसका सभी संगीत पे्रमियों ने ताली बजाकर स्वागत किया।

ऑस्टे्रलिया से आए हंै 42 विदेशी कलाकार
संगीत संध्या में शमिल होने ऑस्ट्रेलिया से 42, न्यूजीलैंड से 5, चायना से 4, सऊदी अरब से 3, इटली से 3,इरान से 3, ब्रिटेन तथा रोमालिया से 3-3 सदस्य ग्वालियर आए हैं। यह विदेशी कलाकार भारतीय संगीत की गहराई और उसके महत्व को जानने के बाद भारतीय संगीत के अनुभव को साझा करने के लिए पूरे विश्व में भारतीय संगीत का प्रचार-प्रसार करने के लिए विगत 15 वर्षो से कार्य कर रहे हंै। यह विदेशी कलाकार ग्वालियर, दिल्ली, इंदौर, छिंदवाड़ा, पुणे, अहमदनगर, नासिक, नारगुल तथा मुंबई में प्रचार-प्रसार करेंगे।

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Updated : 29 Dec 2016 12:00 AM GMT
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