..जैसे नर्मदा नदी पर ओस की बूंदें करती हैं अठखेलियां

..जैसे नर्मदा नदी पर ओस की बूंदें करती हैं अठखेलियां
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*हनुवंतिया टापू यानि जंगल में मंगल, शिवराज सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने किया अभूतपूर्व कार्य
*देश-दुनिया के पर्यटकों ने कहा-ये तो स्वर्ग है
*अंतर्राष्ट्रीय स्तर कापहला सैलानी टापू

हनुवंतिया टापू से लौटकर राजेश शुक्ला


खंडवा जिले से 20 कि.मी. की दूरी पर मूंदी में स्थित हनुवंतिया टापू, इसके चारों तरफ सतपुड़ा के फैले घने जंगलों के मध्य 950 कि.मी. में फैली नर्मदा मैया और तवा नदी का साफ पानी। इस संगम में लगभग 100 छोटे टापू अपने अस्तित्व की कहानी को मुखर होकर स्वयं बयां करते हैं। यहीं पर अठखेलियां करती हैं ओस की स्पष्ट दिखने वाली बूंदें, जो नदी के पानी और आसमान से आने वाले ओस का फर्क समझाती हैं। बीच में जल-महोत्सव का एक बड़ा बोर्ड, जिसमें लिखा है...एमपी में दिल है बच्चे सा। ये नजारा देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। अवसर था म.प्र. सरकार द्वारा आयोजित जल-महोत्सव कार्यक्रम का। अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के पहले सैलानी टापू की भव्यता का दृश्य देखकर लगता है कि जैसे हम किसी विदेश में स्थित समुद्री द्वीप में भ्रमण के लिए आए हैं। यहां बता दें कि मूंदी के निकट इंदिरा सागर बांध के बैक-वॉटर में बना है हनुवंतिया टापू। शिवराज सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जंगल में मंगल की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। इससे प्रदेश का मान तो बढ़ा ही है, पर्यटकों की नजर में ये किसी स्वर्ग से कमतर नहीं है। आने वाले वर्षों में हनुवंतिया टापू पर जल-महोत्सव का वृहद रूप देखने को मिलेगा। इसके लिए अभी से शासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

22 करोड़ की लागत से बनाया टापू
लगभग 22 करोड़ रुपए की लागत से हनुवंतिया टापू की परिकल्पना शासन ने पर्यटन की दृष्टि से साकार की है। इसके पीछे शासन की जो दूरगामी सोच थी, वह इसके निर्माण के बाद सही साबित हुई। टापू पर भ्रमण के पहले दिन जितने भी देशी व विदेशी पर्यटकों से चर्चा हुई तो यही सुनने को मिला कि रोजमर्रा के कार्य की चिंता और शहरी चकाचौंध से दूर तनाव कम करने नर्मदा नदी की तेज लहरें मन और दिल को सूकून दिलाती हैं। टापू पर पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। म.प्र. पर्यटन विभाग के ओएसडी-टू एमडी विजय अग्रवाल बताते हैं कि जल-महोत्सव का विस्तार आने वाले समय में पर्यटकों को देखने को मिलेगा।

व्यवस्था के लिए एजेंसी को दी जिम्मेदारी
पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए गुजरात की ओम इवेंट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खान-पान से लेकर भ्रमण और योगा के लिए अलग से व्यवस्था को संभालने के लिए इवेंट के कर्मचारी वॉकी-टॉकी के साथ दिन-रात सतर्क रहते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं पर्यटकों के सम्पर्क में रहते हैं।

24 घंटे मिलती हैं चिकित्सकीय सुविधाएं
जल महोत्सव में पर्यटकों के निवास और भ्रमण का इंतजाम पर्यटन विभाग ने पूरी ईमानदारी से किया है। यहां आकर आपको एक अलग अनुभूति का सुखद अहसास होगा। टापू स्थित नदी में भ्रमण के लिए क्रूज, वाटर स्कूटर, मोटर बोट और आसमानी गुब्बारा के भ्रमण की सुविधा है। टापू पर ठहरने के लिए पर्यटन विभाग ने होटल जैसी सुविधा वाले पांच कॉटेज बनाए हैं। वहीं कई सैकड़ा टेंटों का निर्माण किया है, जो सर्व सुविधा युक्त हैं। पर्यटक इन टेंटों में शयन कर एक अलग ही आनंद की प्राप्ति कर रहे हैं। पर्यटक इंदिरा सागर बांध, संत सिंगाजी की समाधि और सिंगाजी थर्मल पॉवर स्टेशन की सैर भी कर सकते हैं। टापू पर एम्बूलेंस व चिकित्सीय सुविधाएं भी आपको 24 घंटे मिलेंगी।

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