नकली नोट बनाने वाला मास्टर माइंड सहित दो पकड़े
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पौने दो लाख रुपए से ज्यादा बरामद सघन पूछताछ जारी
ग्वालियर। शहर में नकली नोट छापने का गोरखधंधा करने वाले मास्टर माइंंड और उसके साथी को पुलिस ने पकडक़र उनके कब्जे से डेढ़ लाख रुपए के करीब नकली नोट बरामद किए हैं। पुलिस दो आरोपियों को पहले ही नकली नोट बाजार में चलाने का प्रयास करते हुए पकड़ चुकी थी। पकड़े गए चारों आरोपियों से पौने दो लाख रुपए से ज्यादा के नकली नोट मिले हैं। पुलिस इनसे नकली नोट बनाने के बारे में सघन पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत 20 दिसम्बर को हजीरा थाना पुलिस ने नकली नोट चलाने के प्रयास में टिंकू उर्फ आशुतोष शर्मा और पवन बाथम को पकड़ा था। आरोपियों से पूछताछ के बाद इनके दो साथियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थीं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रविवार को मऊ जमाहर रेलवे क्रासिंग के पास से बबलू उर्फ प्रेमनारायण पुत्र काशीराम नाई निवासी आनंद नगर और मोतीलाल पुत्र शंभूदयाल यादव निवासी सिपनिया, थाना पिपलौदा, रतलाम हाल आनंद नगर को गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि नकली नोट छापने का मास्टर मांइड बबलू नाई है, जो हजीरा थाने में चोरी व अवैध हथियार के मामले में पहले भी पकड़ा जा चुका है। पुलिस अभी तक चारों आरोपियों के कब्जे से कुल 1 लाख 82 हजार 700 रुपए के नकली नोट बरामद कर चुकी है, जिसमें 500 और 100 के नोट हैं। पुलिस को आनंद नगर में किराए से रहने वाले बबलू नाई के घर से प्रिंटर, इलेक्ट्रोनिक कांटा, स्केनर, नोट छापने की कलर की शीशी, आधे छपे नोट, नोट बनाने वाला कागज आदि सामान मिला है।
बरामद नोट एक नजर में
आशुतोष शर्मा: 100-500 के 29500 रुपए नकली नोट मिले।
पवन बाथम: 100 के 10400 रुपए नकली नोट।
बबलू नाई: 100 के 72700 रुपए के नकली नोट।
मोतीराम यादव: 100 के 70100 रुपए के नकली नोट।
कुल बरामद रकम: 1 लाख 82 हजार 700 सौ रुपए है।
25 हजार में खरीदा था नोट छापने का सामान
नोटबंदी के बाद नोटों की किल्लत से जूझ रहे शहर में फोटोग्राफर पवन ने दिमाग चलाते हुए नकली नोट छापने की योजना बना डाली। पवन कागज के बारे में जानकारी रखता है, साथ ही वह कलर आदि का भी जानकार है तो वहीं बबलू नाई ने नोट छापने के लिए मशीन पर अपना हुनर दिखाया था। आरोपी नोट बनाने से पहले कागज को भी इलेक्ट्रोनिक कांटे पर तोलते थे कि कहीं बजन ज्यादा न हो जाए। चारों ने मिलकर लाखों रुपए के बारे के न्यारे करने का सामान 25 हजार रुपए में खरीदा था, लेकिन योजना में पुलिस ने पलीता लगा दिया और लाखों कमाने से पहले ही जेल की सलाखों में पहुंच गए।
इधर नकली मार्कशीट बनाने वाला अब तक फरार
अपराध शाखा ने छह माह पहले बारादरी चौराहा मुरार से नकली मार्कशीट बनाने वाला गिरोह पकड़ा था। पुलिस उस समय हैरान रह गई थी, जब नकली मार्कशीट बनाने वालों के कार्यालय से एक ट्रक भरकर नकली मार्कशीट बरामद हुईं थीं। इस मामले में एक आरोपी अब तक फरार है और अपराध शाखा उसको तलाश नहीं कर सकी है। यह गिरोह पूरे भारत के विश्वविद्यालयों के नाम से फर्जी मार्कशीट बनाता था।