जन आस्था का केन्द्र नलकेश्वर बनेगा पर्यटन स्थल

क्षेत्र विकास के लिए मिले 15 लाख रुपए
ग्वालियर। सोनचिरैया अभयारण्य में स्थित जन आस्था के केन्द्र नलकेश्वर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड ने वन विभाग को हाल ही में 15 लाख का बजट दिया है। योजना के अनुसार तिघरा जलाशय में चार कि.मी. तक नौकायन से जल विहार करते हुए पर्यटक उस पार पहाडिय़ों की तलहटी तक पहुंचेंगे, जहां से एक कि.मी. दूर नलकेश्वर तक वनों के बीच से पहाडिय़ों की पगडंडियों पर ट्रेकिंग करते हुए प्रकृति का आनंद उठा सकेंगे।
मान्यता है कि नलकेश्वर क्षेत्र ऋषि गालव की तप स्थली है। इस क्षेत्र में तिघरा जलाशय, मृगनयनी किला, प्राकृतिक पहाडिय़ां, करधई, खैर, सलई, गुरजन, बेर, घोंट आदि के वृक्ष, काला हिरण, चीतल, चिंकारा, सांभर, जंगली सुअर, भालू, लोमड़ी, देशी-विदेशी प्रवासी पक्षी आदि वन्यजीव बड़ी संख्या में हैं, इसलिए वन विभाग तिघरा से लेकर नलकेश्वर तक के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है। बताया गया है कि म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड से मिली 15 लाख की राशि से वन विभाग नलकेश्वर से मंदिर तक जाने के लिए तिघरा से डांडा खिडक़ तक जाने वाली मुख्य सडक़ से गुर्जा के पास से नलकेश्वर तक करीब चार कि.मी. सडक़, मृगनयनी तालाब के पास स्थित नाले पर रपटा एवं पहाड़ी से नलकेश्वर मंदिर तक सीढिय़ां व रेलिंग आदि का निर्माण कराकर आवागमन को सुगम बनाएगा।
जगह-जगह लगेंगे साइन बोर्ड
यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए तिघरा से नलकेश्वर तक जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर संकेतकों के साथ यह भी प्रदर्शित होगा कि अभयारण्य के अंदर क्या-क्या प्रतिबंधित है। इसके अलावा मंदिर से कुछ दूरी पर सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाएंगे तथा प्रमुख स्थानों पर कचरादान भी रखवाए जाएंगे।
टेलिस्कोप से देख सकते हैं विहंगम दृश्य
तिघरा जलाशय के किनारे वन विभाग द्वारा पूर्व से निर्मित मृगनयनी ईको पार्क में वाच टावर मौजूद है, जिसकी तीसरी मंजिल पर लगे टेलिस्कोप से तिघरा जलाशय के उस पार पहाडिय़ों के मध्य में स्थित शीतला माता मंदिर, मगरकुंडा, कुंडेश्वर जल प्रपात, मृगनयनी किला पहाड़ी सहित जंगलों का प्राकृतिक और विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। इस वॉच टावर से सूर्यास्त का सुन्दर व मनोरम दृश्य मन को मोहने वाला होता है। उल्लेखनीय है कि वन विभाग द्वारा पर्यटकों को तिघरा जलाशय में नोकायन पिछले दो सालों से कराई जा रही है।
सोनचिरैया के लिए बनेगा घास का मैदान
सोनचिरैया पुनर्वास प्रबंधन के तहत विकास निधि से नलकेश्वर के पास कक्ष क्रमांक 365 में करीब 50 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की घास लगाकर घास का मैदान विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही जल संरचनाएं भी बनाई जाएंगी। इस मैदान की सुरक्षा के लिए चोरों ओर तारफेंसिंग भी की जाएगी, ताकि पालतू मवेशी इसमें प्रवेश कर घास को नुकसान न पहुंचा पाएं।
