बायोमेट्रिक हाजिरी खोलेगी फर्जी नियुक्तियों की पोल

वार्डों से शुरू होगी कार्रवाई
ग्वालियर, वरिष्ठ संवाददाता। नगर निगम में इन दिनों कलेक्टर रेट पर की गई फर्जी नियुक्तियों का मामला गर्माया हुआ है। बताया जाता है कि पिछले कुछ समय में निगम की विभिन्न शाखाओं में ऐसी कई नियुक्तियां हुईं हैं जिनके वेतन का भुगतान नगर निगम कर रही है लेकिन यह कर्मचारी दिनभर वरिष्ठ अधिकारियों तथा कुछ दबंग पार्षदों के घरों पर काम कर रहे हैं। वहीं इस मामले में वरिष्ठों के भय के कारण कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो नगर निगम में कलेक्ट्रेट रेट पर कर्मचारी रखे जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। दरअसल ऐसे कर्मचारियों के नाम पर बड़ी संख्या में नेताओं और अधिकारियों के चहेतों को निगम में नौकरी पर रखकर लंबे समय से नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा कर बिना काम के वेतन निकाले जाने पर अब बायोमैट्रिक हाजिरी टेबलेट के माध्यम से शिकंजा कसा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नगरनिगम के विभिन्न विभागों में कलेक्ट्रेट रेट पर कर्मचारी रखे जाने के मामले में कुछ अधिकारियों और पार्षदों की सांठगांठ से जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इनमें निगम द्वारा चलाए जाने वाले विशेष अभियान और आयोजनों के दौरान तात्कालिक जरुरतों के नाम पर भी घालमेल हो रहा है। सूत्रों की मानें तो इसी कड़ी में हाल ही में निगम द्वारा शुरु किए गए स्वच्छता अभियान के दौरान अस्थाई सफाई कर्मचारी रखे जाने के मामले में कई गड़बडिय़ां सामने आ रहीं हैं, इसी को लेकर निगम ने इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।
बायोमैट्रिक हाजिरी से कसेगा शिकंजा
सूत्र बताते हैं कि ऐसे घपले-घोटालों से निपटने के लिए अब बायोमैट्रिक हाजिरी टेबलेट का सहारा लिया जाएगा। बताया जाता है कि निगम में ऐसे 115 टैबलेट आ चुके हैं। इनमें सबसे पहले शहर के 66 वार्डों पर तैनात कर्मचारियों की गिनती की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी वार्ड स्वास्थ्य अधिकारी (डब्ल्यू एच ओ) को सौंपी जाएगी। इसे नगर निगम की बेवसाइट से जोड़ा जाएगा।
निगम को लग रहा लाखों का चूना
फर्जी नियुक्तियों और बिना काम के वेतन निकालने के इस मामले के चलते नगरनिगम को हर माह लगभग पांच लाख रुपए का चूना लग रहा है। बताया जाता है कि निगम में लगभग पांच से छह सौ कर्मचारी ऐसे हैं जो काम न करते हुए केवल हाजिरी लगाकर वेतन ले रहे हैं। इनकी पोल बायोमैट्रिक हाजिरी से खुल जाएगी,क्यों कि हाजिरी दर्ज कराने के लिए कर्मचारी को मौके पर ही आना होगा।