पेंशन और वेतन के लिए बैंकों पर लगीं कतारें

स्टेट बैंक को बंद करना पड़ा दरवाजा, लोग होते रहे परेशान
ग्वालियर। नोटबंदी के बाद पहली बार पड़े वेतन के दिन एक दिसम्बर गुरुवार को अधिकतर लोग अपनी पेंशन और वेतन लेने के लिए सुबह से ही बैंकों के बाहर कतार में जाकर लग गए थे। इस दौरान भीड़ अधिक होने के कारण महाराज बाड़ा स्थित स्टेट बैंक के मुख्य द्वारा को प्रबंधन दोपहर तीन बजे बंद कर दिया। इसके चलते अधिकतर लोगों को बिना पैसा लिए ही वापस लौटना पड़ा। वेतन और पेंशन लेने को लेकर अधिकतर बैंको में भीड़-भाड़ की स्थिति बनी रही।
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी को लेकर 22 दिन पूरे हो चुके हैं। बैंको और एटीएमों की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। आज भी स्थिति यह है कि लोगों को उनकी आशा के अनुरूप पैसा नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा बैंक और एटीएम से नोटों की सीमा बांधने के कारण अधिकतर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों द्वारा जिन लोगों को पैसा दिया जा रहा है उन्हें दो-दो हजार के बड़े नोट दिए जा रहे हैं, जिन्हें लोग लेने से कतरा रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि इन नोटों को बाजार में कोई भी लेने के लिए तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में इन नोटों से हम किस प्रकार खरीदारी करेंगे।
एटीएम पर भी नहीं मिल रहा पर्याप्त पैसा
शहर के एटीएमों पर भी लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार पैसा नहीं मिल रहा है। वहीं जिन एटीएमों में पैसा डाला भी जा रहा है वह कुछ ही देर में खाली हो रहे हैं।
इनकी भी सुनें
‘सुबह से आया हूं, भीड़ होने के कारण मुझे पेंशन नहीं मिल सकी। अब दरवाजा बंद कर दिया है। कल आकर फिर प्रयास करूं गा। ’
गोविन्द दास, पेंशनर्स
‘मैं बैंक में अपने कुछ कामों को निपटाने के लिए आया था, लेकिन भीड़ होने के कारण मेरा कोई काम ही नहीं हो सका। ’
कैलाश नारायण, ग्राहक
‘मैं यहां चैक जमा करने आया था, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण अंदर खड़े दूसरे व्यक्ति से चेक डलवाना पड़ा।’
दिलीप अग्रवाल, ग्राहक
‘हमारी बैंक में पैसों की कोई कमी नहीं है।
सभी को पैसा दिया जा रहा है। पेंशनर्स और कर्मचारियों का पैसा उनके खाते में ही रहने वाला है अत: पैसा निकालने के लिए थोडा धैर्य से काम लें,रही बात दरवाजा बंद करने की तो अधिक भीड़ होने और अंदर लाइन में लगे लोगों की परेशानियों को देखते हुए ऐसा करना पड़ता है।’
संंतोष कुमार सोनी
मुख्य प्रबंधक, स्टेट बैंक,
महाराज बाड़ा