पिछले साल की तुलना में इस बार कम हुए टीवी के मरीज

पिछले साल की तुलना में इस बार कम हुए टीवी के मरीज
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संयुक्त निदेशक मसूद अख्तर ने किया एमडीआर टीबी वार्ड का निरीक्षण

ग्वालियर। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष टीबी के मरीजों की संख्या घटी है। प्रदेश मेंं प्रति एक लाख में से 167 मरीज सामने आए हैं। हमारा प्रयास है कि वर्ष 2032 तक टीबी का एक भी मरीज न हो। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। यह बात संयुक्त निदेशक राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम एवं एड्स कन्ट्रोलर डॉ. मसूद अख्तर ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। डॉ. अख्तर गुरूवार को माधव डिस्पेंसरी रोड स्थित एमडीआर टीबी वार्ड का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि एक टीबी के मरीज से दस सामान्य लोगों को टीबी हो सकती हैं, जिसके लिए हमें खुद ही सावधान रहना होगा, अगर किसी को दो हफ्तों से ज्यादा खंासी हो रही है तो उसे टीबी की जांच करानी चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया कि टीबी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं, एक सामान्य टीबी का मरीज होता है, जिसे ड्ेटस की दवा से ठीक किया जा सकता है, और दूसरा मल्टी ड्रग रजिस्टेंश टीबी का मरीज होता है, जिसे टीबी की सामान्य दवा असर नहीं करती, जिसके चलते उसे एमडीआरटीबी वार्ड में भर्ती करके उपचार दिया जाता है, साथ ही कुछ टीबी के मरीज ऐसे होते हैं, जिनकी टीबी पकड़ में नहीं आती। इनकी सीबी नेट मशीन से जांच कर टीबी का पता लगाया जा सकता है। एक सवाल के जबाव में श्री अख्तर ने बताया कि निजी चिकित्सक टीबी के मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं देते, इस सम्बन्ध में हमने जिलाधीश से चर्चा की थी और उन्होंने चिकित्सकों को टीबी के मरीजों की सूचना देने के आदेश भी दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी निजी चिकित्सकों द्वारा मरीजों की जानकारी नहीं दी जा रही है।

इस दौरान स्टेट टीबी अधिकारी डॉ. अतुल खर्राटे एवं डॉ. मनीष शर्मा ने एमडीआर वार्ड में व्याप्त समस्याओं से अवगत कराया, उन्होंने बताया कि वार्ड में अभी तक सिर्फ दस ही पलंग हैं, जबकि स्वीकृति 30 पलंगों की है, इसके साथ ही उन्होंने स्टाफ व किचन की भी समस्या बताई। जिस पर उन्होंने कहा कि पलंग बढ़ाने के लिए हमारे पास अभी बजट नहीं हैं, लेकिन जल्द ही इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जादौन, सिविल सर्जन डॉ. डी.डी. शर्मा, डीएचओ डॉ. गजराज सिंह गुर्जर सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।

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