आज से अपने घर जा सकेंगे चिडिय़ाघर के कर्मचारी

*समाप्त हुई बर्ड फ्लू संक्रमण की संभावना
*सैलानियों के लिए जल्दी खुल सकता है चिडिय़ाघर
ग्वालियर, न.सं.। जलचर पक्षी पोलिकन के नमूनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सैलानियों के लिए जहां चिडिय़ाघर जल्दी ही खुलने की संभावना बढ़ गई है वहीं बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंका के मद्देनजर पिछले 13 दिनों से चिडिय़ाघर के पक्षी गृह में कैद तीन कर्मचारियों को भी सोमवार से चिडिय़ाघर से बाहर निकलने और अपने घर जाने की अनुमति मिल जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 18 से 24 अक्टूबर के बीच चिडिय़ाघर में 24 पेंटेड स्टार्क पक्षियों की मौत हुई थी। राष्ट्रीय डीआई लैब भोपाल ने इन मृत पक्षियों के नमूनों की जांच में इनकी मौत बर्ड फ्लू से होने की पुष्टि की थी। इसके बाद 25 अक्टूबर को जांच के लिए भोपाल से आए विशेषज्ञों के उच्च स्तरीय दल ने चिडिय़ाघर से अन्य पक्षियों के मल-मूत्र के नमूने लिए थे। इसके साथ ही सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर चिडिय़ाघर को तीन सप्ताह के लिए बंद करने की सलाह दी थी। इस पर जिला प्रशासन ने 25 अक्टूबर से ही चिडिय़ाघर को एक माह के लिए बंद कर दिया था। इसी के साथ चिडिय़ाघर के पक्षी गृह में प्रतिदिन पक्षियों की देखरेख करने वाले तीन कर्मचारियों को भी चिडिय़ाघर से बाहर नहीं जाने की सलाह दी गई थी क्योंकि इन कर्मचारियों के चिडिय़ाघर से बाहर निकलने पर उनके परिजनों और आमजनों में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने की आशंका थी। इस वजह से उक्त तीनों कर्मचारी पिछले करीब 13 दिनों से चिडिय़ाघर स्थित पक्षी गृह में ही रह रहे हैं।
इन तीनों कर्मचारियों को न केवल अन्य कर्मचारियों से अपितु आपस में भी मिलने-जुलने की इजाजत नहीं थी। इसके चलते इन तीनों कर्मचारियों को दीपावली भी पक्षी गृह में ही मनाना पड़ी थी। बताया गया है कि गुजरे शनिवार को राष्ट्रीय डीआई लैब भोपाल से चिडिय़ाघर के तीन पोलिकन पक्षियों के मल-मूत्र के नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है, जो निगेटिव है। यानीकि इन पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं पाया गया है। हालांकि राष्ट्रीय डीआई लैब भोपाल से अभी अन्य पक्षियों के मल-मूत्र के नमूनों की जांच रिपोर्ट आना शेष है, लेकिन बर्ड फ्लू से असमय मौत का शिकार बने पेंटेड स्टार्क पक्षियों के साथ एक ही केज में रहे उक्त तीन पोलिकन पक्षियों में बर्ड फ्लू संक्रमण नहीं पाया गया है, इसलिए अन्य पक्षियों में भी संक्रमण की संभावना अब निर्मूल मानी जा रही है। इसी के चलते चिडिय़ाघर प्रबंधन ने सात नवम्बर सोमवार से चिडिय़ाघर के पक्षी गृह में पिछले 13 दिनों से कैद तीनों कर्मचारियों को बाहर निकलने और अपने घर आने-जाने की इजाजत देने का निर्णय ले लिया है।
चिडिय़ाघर में फिलहाल जारी रहेगा केमिकल ट्रीटमेंट
बर्ड फ्लू से असमय मौत का शिकार बने पेंटेड स्टार्क पक्षियों के साथ एक ही केज में रहे तीन पोलिकन पक्षियों में बर्ड फ्लू संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अन्य पक्षियों के मल-मूत्र के नमूनों की जांच रिपोर्ट नहीं आने तक चिडिय़ाघर परिसर का केमिकल ट्रीटमेंट के साथ डिस इन्फेक्शन फिलहाल जारी रहेगा। चिडिय़ाघर प्रबंधन के अनुसार बर्ड फ्लू वायरस के अन्य एन्क्लोजर तक पहुंचने की आशंका के मद्देनजर चिडिय़ाघर के अन्य सभी वन्यजीवों के एन्क्लोजरों की कीटनाशकों से धुलाई और साफ-सफाई पिछले एक पखवाड़े से प्रतिदिन की जा रही है।
दूसरी बार आ सकता है उच्च् स्तरीय जांच दल
पशु पालन विभाग के उप संचालक डॉ. ओ.पी. त्रिपाठी ने बताया कि बर्ड फ्लू से मरने वाले पेंटेड स्टार्क पक्षियों के साथ एक ही केज में रहे पोलिकन पक्षियों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, इसलिए चिडिय़ाघर के अन्य पक्षियों में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी सभी पक्षियों के नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सैलानियों के लिए चिडिय़ाघर को खोलने से पहले पक्षियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए विशेषज्ञों के उच्च स्तरीय दल को एक बार फिर से बुलाया जा सकता है। इसके बाद जिलाधीश की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें सभी परिस्थितियों पर गहन विचार-विमर्श के बाद ही चिडिय़ाघर को सैलानियों के लिए खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
इनका कहना है
‘बर्ड फ्लू संक्रमण की आशंका के चलते सुरक्षा की दृष्टि से पिछले कुछ दिनों से चिडिय़ाघर के पक्षी गृह में रह रहे तीनों कर्मचारियों को सोमवार से बाहर निकलने की अनुमति दे दी जाएगी।’
डॉ. उपेन्द्र यादव
पशु चिकित्सक, चिडिय़ाघर