प्रान्तीय ज्ञान-विज्ञान मेले का हुआ समापन

झांसी। अखिल भारतीय विद्या भारती शिक्षण संस्थान से सम्बद्ध भारतीय शिक्षा समिति कानपुर प्रान्त द्वारा स्थानीय भानीदेवी गोयल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज, बालाजी मार्ग, झॉसी में प्रान्तीय ज्ञान-विज्ञान मेले के अन्तिम दिन समापन कार्यक्रम महापौर श्रीमती किरण वर्मा के मुख्य आतिथ्य, सह प्रान्त संघचालक इं. वीरेन्द्र चतुर्वेदी की अध्यक्षता एवं पूर्व अपर जिलाधिकारी मिथलेश त्रिवेदी, पूर्व विभागाध्यक्ष धनवाद इंजी. का. डा. आरसी गुप्ता, प्रदेश मंत्री मुन्नालाल शर्मा, प्रदेश निरीक्षक रामशंकर यादव के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। अन्य अतिथियों में सुशील कुमार, पवन कुमार द्विवेदी, नवीन अवस्थी, विद्यालय के कोषाध्यक्ष आनन्द शिवहरे, विद्यालय के प्रबन्धक एड. कुंजबिहारी गुप्ता, प्रधानाचार्य सुश्री कल्पना सिंह आदि रहे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ मां सरस्वती के चरणों में पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन से प्रारम्भ हुआ। अतिथयों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रकाश चन्द्र त्रिपाठी ‘राघव‘ ने कराया। अथितियों का स्वागत शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।

प्रान्तीय ज्ञान-विज्ञान मेला में ओवर ऑल चैम्पियनशिप झांसी सम्भाग को प्राप्त हुई एवं बांदा संकुल चैम्पियन रहा। शिशु वर्ग में कन्नौज संकुल, बाल वर्ग में बांदा, किशोर वर्ग में बांदा एवं तरूण वर्ग में झांसी के बाल वैज्ञानिक चैम्पियन रहे। विज्ञान पत्रवाचन में अभिषेक शिवहरे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, कीर्ति पटेल जालौन ने आपदा प्रबन्धन पर श्रेष्ठ मॉडल बनाया और प्रथम स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त छात्र क्षेत्रीय विज्ञान मेला में भाग लेने हेतु 8 नवम्बर 2016 को फतेहपुर उ.प्र. जायेंगे, और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। विशिष्ट अतिथि डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति हजारों सालों से 4 स्तम्भों पर आधारित है।

1 सत्य और ब्रह्म एक ही है। 2. वसुधैव कुटुम्बकुम अर्थात पूरा संसार हमारा परिवार है। 3. सभी की सुख-समृद्धि की कामना करना। 4. अच्छी चीजें बाहर की भी हों, उन्हें स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने इन्हें विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने भगिनी निवेदिता के बारे में बताया कि उन्होंने भारत आकर स्वामी विवेकानन्द के साथ कार्य किया। स्वामी विवेकानन्द जी की प्रेरणा से अनेक वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना हुई। पूर्व अपर जिलाधिकारी मिथलेश त्रिवेदी ने कहा कि ज्ञान से विज्ञान बनता है। जैसे चाकू का कार्य काटना होता है यह ज्ञान है। लेकिन उसी चाकू से एक डॉक्टर इलाज करता है यह विज्ञान है। सरस्वती विद्या मन्दिरों में ज्ञान को विज्ञान में परिवर्तित करने का रास्ता दिखाया जाता है। मुख्य अतिथि मेयर किरण वर्मा ने कहा कि जो छात्र माता-पिता और गुरूओं का सम्मान करते हैं, वे आगे चलकर स्वयं सम्मान प्राप्त करते हैं।

आज कुछ अभिभावक पाश्चात्य सभ्यता की ओर अंग्रजी माध्यम में बढ़ रहे हैं, परन्तु सरस्वती विद्या मन्दिर में भारतीय संस्कृति का बोध कराया जाता है, एवं श्रेष्ठ शिक्षा प्रदान की जाती है। सह प्रान्त प्रचारक कानपुर प्रान्त वीरेन्द्र चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में मेले शब्द को परिभाषित करते हुए बताया कि विज्ञान मेला में अपने अनुभव एवं विचारों का आदान-प्रदान होता है। उन्होंने विभिन्न जनपदों से पधारे बाल वैज्ञानिकों को बधाई दी और उनके अच्छ्रे प्रदर्शन की सराहना की। कार्यक्रम के अन्त में वन्दे मातरम हुआ। मंच का कुशल संचालन विद्यालय के आचार्य कवि संजीव दुबे ने किया। आभार प्रदर्शन झांसी के सम्भाग निरीक्षक मानसिंह निराला ने कराया। उन्होंने आये हुए अतिथियों एवं सम्पूर्ण प्रान्त से आये आचार्य एवं प्रतिभागी भैया/बहनों का आभार व्यक्त किया। समापन कार्यक्रम में डा. अरविन्द निरंजन, अवधेश गोस्वामी, रामखिलावन, दयाशंकर तिवारी, राकेश बदवार, कृष्ण कुमार तिवारी, राजेश गुप्ता, लोकेश चतुर्वेदी, सुरेश गोस्वामी, प्रफुल्ल सक्सेना, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, कृष्णकान्त गुप्ता, आशीष अग्रवाल, सुनील दुबे, राहुल खाण्डेकर, विष्णु श्रीवास्तव, विनय मिश्रा आदि उपस्थित रहे। यह जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र गुप्ता ने दी।

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