पहले की रैकी फिर सूने मकान से उड़ाया लाखों का माल

व्यवसायी दीपावली पर परिवार सहित गया था लहार, पास में रहने वालों पर जताया शक
ग्वालियर। जनकगंज थाना क्षेत्र के कैथवाली गली में चोरों ने एक व्यापारी के घर की रैकी की और जैसे ही परिवार दीवाली की मुख्य पूजा के लिए अपने पैतृक निवास लहार के लिए रवाना हुआ उसी रात को चोरों ने मुख्य दरवाजे से प्रवेश कर लाखों रूपए के सोने-चांदी के जेवर और नगदी पर हाथ साफ कर दिया। सुबह पड़ोसी ने घर के दरवाजे खुले देखे तो व्यापारी को सूचना दी। इसके बाद लहार से आनन-फानन में परिवार आया और पुलिस में अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस के दल ने जांच पड़ताल कर चोरों का सुराग लगाने में जुट गई है। इधर व्यापारी ने अपने निवास के पास रहने वाले कुछ आपराधिक किस्म के युवकों पर शक जताया है।
जनकगंज थाना से मिली जानकारी के अनुसार नई सडक़ स्थित कैथ वाली गली, मदने की गोठ में इलेक्ट्रोनिक्स कारोबारी शैलेन्द्र अग्रवाल पुत्र ओमप्रकाश अग्रवाल का निवास है। इनकी दुकान गस्त का ताजिया में बाबा कॉम्पलेक्स में है। मूल रूप से लहार के रहने वाले शेलेन्द्र दीवाली की पूजा करने के लिए अपने परिवार के साथ लहार गए थे। इस दौरान उनके घर पर ताला लगा हुआ था। इसी का फायदा चोरों ने उठाया। पहले उन्होंने घर की रैकी की इसके बाद मौका लगते ही मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात लगभग एक से चार बजे के बीच अपना हाथ साफ कर लिया। चोरों ने मुख्य दरवाजे का ताला तोड़ा और सभी कमरों की तलाशी ली। आज सुबह पास में रहने वाले कुछ लोगों ने घर के दरवाजे खुले देखे तो लहार में व्यापारी को फोन किया। चोरी की सूचना मिलने पर परिवार घर आया तो देखा कि घर के गेट खुले हुए थे, कुंडे व ताले टूटे हुए थे। घर के अंदर कमरों में सारा सामान बिखरा देख सभी के होश उड़ गए। चोरी गए माल की कीमत लगभग 20 लाख बताया जा रहा है,लेकिन पुलिस ने इससे कम चोरी होने की बात कही है।
22 तोला सोना और चांदी समेत नगदी चोरी
व्यापारी ने बताया कि चोरों ने उनके शयनकक्ष के लॉकर में रखे 22 तोला सोने के जेवर, एक किलो चांदी के साथ 8 लाख रुपए नगद भी चुरा लिए हैं। यह रकम उन्हें एक संपत्ति को बेचने पर मिली थी। चूंकि बैंक में अवकाश चल रहा था इस कारण से रुपए घर में ही रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि ये मकान उन्होंने 6 साल पहले पास में रहने वालीं कुसुम बंसल से खरीदा था। इसी मकान की पहली मंजिल में उनका निवास और नीचे गोदाम है।
चोरों की पहले से थी निगाह
बताया जाता है कि कारोबारी का व्यवसाय कम समय में अच्छा-खासा फैल गया था। पहले शैलेन्द्र किराए के मकान में रहते थे। इसके बाद ये मकान उन्होंने खरीदा और निवास के साथ गोदाम भी यही बना लिया।
दो परिवारों पर जताया संदेह मदने की गोठ में अंदर की तरफ दो परिवार ऐसे हैं जो पहले भी चोरी के आरोप में पकड़े जा चुके हैं। परिवार ने इन्हीं की तरफ इशारा किया है। क्योंकि जिस प्रकार से चोरों ने घटना को अंजाम दिया है उससे यहीं प्रतीत होता है कि चोरों को मकान की स्थिति के बारे में सब पता था।