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रुकमणि-श्रीकृष्ण विवाह की लीला का हुआ वर्णन

झांसी। भागवत व्यास जी नारायण ब्रह्मचारी बालसुक द्वारा संत की बगिया दतिया गेट में आयोजित भागवत कथा में ब्रजवासियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा बंद करके गोवर्धन की पूजा करायी, जिससे इंद्र रुष्ठ हो गए और उन्होने पूरे ब्रज में घनघोर वर्षा की। श्रीकृष्ण जी ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर पूरे बृजवासियों को बचाया और फिर स्वयं गोवर्धन पर्वत की पूजा कर सभी ब्रजवासियों से भी पूजा करायी। जिसमें सभी ब्रजवासियों द्वारा पूजन उपरांत ग्वालवालों ने छप्पन भोग लगाकर भगवान गोवर्धन को प्रसन्न किया। आज भागवत कथा के वर्णन में कृष्ण लीलाओं का वर्णन करते हुए रुकमणि व श्रीकृष्ण का विवाह का बखान किया और इस विवाह कार्यक्रम के साथ-साथ गोवर्धन की पूजा अर्चना के वर्णन को सुन सभी भक्तगणों ने भक्ति रस का आनंद लिया।

कथा के शुभारंभ में भागवत कथा की पूजन अर्चन कर आरती की गई। इस मौके पर मुख्य यजमान मदन मोहन तिवारी ने हरीओम पाठक व राघवेन्द्र सिंह भदौरिया के साथ पूजन अर्चना की। इस मौके पर राजेंद्र गुप्त, दामोदर कुशवाहा, मोहनलाल साहू, दीपक कुशवाहा, बाबूलाल कुशवाहा, जगदीश प्रसाद, द्वारका प्रसाद आदि उपस्थित रहे व अंत में सभी भक्तों का आभार शिवलाल केवट ने व्यक्त किया।

Updated : 28 Nov 2016 12:00 AM GMT
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