पत्रकारिता में राष्ट्रहित सर्वोपरि

ग्वालियर। पत्रकारिता में राष्ट्रहित सर्वोपरि है। समसाययिक पत्रकारिता के साथ वैचारिक पत्रकारिता को भी आगे बढाने की आवश्यकता है। यह बात स्वदेश के कार्यकारी सम्पादक प्रवीण दुबे ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के ग्वालियर परिसर में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में समसामायिक मुद्दे और पत्रकारिता विषय पर बोलते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया के दौर में समाचार पत्रों से पाठकों की कुछ दूरी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज कल घटनाओं को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है मीडिया को इस से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया का कार्य सत्य को प्रस्तुत करना है। श्री दुबे ने कहा कि मीडिया पर भी बाजार वाद हावी है। नोट बंदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नोट बंदी से नक्सली घटनाओं में कमी आई है एवं कश्मीर में भी हिंसा मे कमी आई है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक प्लेटफॉर्म नहीं मिशन है, जो देश हित में है, वह सर्वोपरि है।

पत्रकारिता का धर्म देश हित में खबरों का प्रसार करना है। इस अवसर पर परिसर प्रभारी डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकारिता में निष्पक्षता आवश्यक है। समसामायिक पत्रकारिता सत्य पर आधारित देशहित में होना चाहिए। इस अवसर पर सभी शिक्षक और विभिन्न संकायों के विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन देव कुमार ने किया।

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