पुराने नोटों ने बढ़ाई बिजली कम्पनी की वसूली

पुराने नोटों ने बढ़ाई बिजली कम्पनी की वसूली
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पिछले सात दिन में ही वसूले 2828.11 लाख


ग्वालियर, न.सं.। भारत सरकार द्वारा पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद काला धन रखने वालों सहित आमजन की मुसीबतें भले ही बढ़ गई हों, लेकिन इससे बिजली कम्पनी के राजस्व में भारी वृद्धि हुई है। पिछले सात दिनों में ही बिजली कम्पनी ने शहरी क्षेत्र से 2828.11 लाख की वसूली कर ली है।

यहां बता दें कि शासन ने 24 नवम्बर तक बिजली कम्पनी को बिल भुगतान में उपभोक्ताओं से पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट स्वीकार करने की छूट दे दी है। इसका फायदा उठाते हुए अधिकांश उपभोक्ता बैंकों में लाइन में लगने की बजाय पांच सौ व एक हजार के नोटों का उपयोग अपने बिजली बिल के भुगतान में कर रहे हैं। खास बात यह है कि नोट बंदी की घोषणा के बाद बिजली कम्पनी के कैश काउंटरों पर ऐसे भी उपभोक्ता अपना बिल जमा कराने पहुंच रहे हैं, जिन पर पिछले कई महीनों का बिल बकाया था। इनमें कई ऐसे उपभोक्ता भी शामिल हैं, जिनके विद्युत कनेक्शन बकाया होने की बजह से काट दिए गए थे। ऐसे उपभोक्ता भी बंद हो चुके नोटों से बिल जमा कराकर अपना कटा हुआ कनेक्शन जुड़वा रहे हैं।

बिजली कम्पनी से जुड़े सूत्रों के अनुसार शहर वृत्त में 9 से 15 नवम्बर तक कुल 2828.11 लाख की वसूली हुई है, जो 1 से 8 नवम्बर तक हुई वसूली से 1942.83 लाख और विगत अक्टूबर में इस अवधि में हुई वसूली से 1171.17 लाख अधिक है। बताया गया है कि नोट बंदी से पूर्व शहर वृत्त में 1 से 8 नवम्बर तक 885.28 लाख की वसूली हुई थी, जबकि विगत अक्टूबर में 1 से 8 नवम्बर तक 774.23 लाख और 9 से 15 नवम्बर तक 1656.94 लाख की वसूली हुई थी।

ग्रामीण वृत्त में भी बढ़ा राजस्व

बिजली कम्पनी के संचारण/ संधारण (ग्रामीण) वृत्त ग्वालियर में भी राजस्व वसूली बढ़ी है। महाप्रबंधक एस.के. खरे ने बताया कि नोट बंदी के बाद 11 नवम्बर से बिल भुगतान में पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट स्वीकार करने की अनुमति मिलने के फलस्वरूप 11 से 15 नवम्बर तक मात्र पांच दिनों में 549.66 लाख की वसूली हो चुकी है, जो 1 से 10 नवम्बर तक हुई 125.55 लाख की वसूली की तुलना में 424.11 लाख अधिक है। इस प्रकार 15 नवम्बर तक कुल 675.21 लाख की वसूली हो चुकी है, जबकि विगत अक्टूबर 2016 में 1 से 15 तारीख की अवधि में 205.38 लाख और अक्टूबर 2015 में 236.61 लाख की वसूली हुई थी।

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