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रविवार को छुट्टी के दिन बैंकों में रहा भारी दबाव

मथुरा। केन्द्र सरकार द्वारा पांच सौ व एक हजार के नोट बंद करने के पांचवें दिन भी बैंकों, डाकघरों, एटीएमों के बाहर लम्बी कतारें लगी रहीं। लोग पौ फटते ही बैंक व डाकघर पहुंचकर लाइन में खड़े नजर आये। रविवार का दिन होने के कारण और दिनों की अपेक्षा लोगों की ज्यादा भीड़ नजर आयी। लेकिन अधिकांश एटीएम या तो बंद थे या फिर उन से रूपये नहीं निकल रहे थे। बैंकें भी आठ बजे की जगह दस बजे खुलीं।

रविवार का अवकाश होने की वजह से नोट बदलने वालों की भीड़ को देखते हुए बैंक प्रशासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी। बैंकें तो आठ बजे की जगह दस बजे खुलीं। ज्यादातर एटीएमों के शटर उठे नहीं और जो कुछ खुले उनमें से ज्यादातर रूपये नहीं निकल रहे थे। पुलिस को लोगों को कंट्रोल करने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई जगह रूपये खत्म होने की शिकायतों पर लोगों ने हंगामा काटा। बैंक ऑफ बड़ौदा कोतवाली रोड पर महिलाओं में लाइन के आगे-पीछे होने पर जमकर झड़प हो गई जिन्हें बमुश्किल लोगों ने अलग किया।

नोट बदलने एवं जमा करने को लेकर सभी बैंकों ने अपने अलग नियम बना लिए हैं, इंडियन बैंक ग्राहक को चार हजार की बजाए एक हजार लेने पर मजबूर कर रही है। वहीं आईसीआईसीआई, ओबीसी आदि बैंक खाताधारक के स्वयं उपस्थित होने पर ही पुराने नोट जमा कर रही है। उधर बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की खूब बल्ले-बल्ले हो चली है, वह अपने रिश्तेदार परिचितों से दर्जनों आईडी लेकर उनको रूपए बदल-बदल कर दे रहे हैं।

आज आधा दर्जन बैंकों ने दोपहर एक बजे ही धनराशि खत्म होने के बोर्ड टांग दिए। मुख्य डाकघर के अधीक्षक ने समाचार पत्रों में विज्ञापन छपवाया कि रविवार को सभी डाकघर-उप डाकघरों में रोजाना की भांति कामकाज होगा, लेकिन भ्रमण में देखा गया कि मुख्य डाकघर सिविल लाइन को छोड़ कहीं भी लोगों को रूपए बदलकर नहीं दिए जा रहे। छोटे-डाकघरों में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि हमको जमा करने के निर्देश हैं, कैश बांटने के नहीं। मुख्य डाकघर सिविल लाइन पर भी लोगों की लम्बी-लम्बी कतारें देखने को मिलीं। यहां भी दो बार रूपये खत्म होने पर लोगों ने हंगामा काटा।

Updated : 14 Nov 2016 12:00 AM GMT
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