बाजार में आए पचास लाख के चायनीज पटाखे

व्यापारी मुश्किल में, कहां खपाएं यह माल
ग्वालियर| दीपावली पर जहां प्रशासन ने चायनीज पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है वहीं इससे पहले ही पटाखा विक्रेता लगभग 50 लाख के पटाखे मंगा चुके हैं। इसके चलते उनके सामने अब यह मुश्किल आ गई है कि वह इन पटाखों का कहां और कैसे खपाएंगे।
जानकारी के अनुसार बाजार में यह पटाखे दिल्ली से आए हैं। इसमें विशेष बात यह है कि इन पटाखों की कोई बिलिंग नहीं होती अत: अन्य वस्तुओं की तरह इन्हें वापस भी नहीं किया जा सकता है। वहीं प्रशासन की रोक के कारण पटाखा व्यापारियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है कि वह इन पटाखों का क्या करें।
उल्लेखनीय है कि दीपावली के अवसर पर प्रशासन ने चीनी पटाखों की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है। प्रशासन का तर्क है कि चीनी पटाखे स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हैं। प्रशासन की रोक के कारण पटाखा व्यापारियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है कि वह इन पटाखों का क्या करें।
दो नंबर में आते हैं यह पटाखे
शहर में दीपावली के पर्व पर चायनीज पटाखे प्रतिवर्ष बहुत अधिक मात्रा में शहर मेें बिकने आते हैं। शहर में सात करोड़ पटाखों की बिक्री होती है, जिसमें से केवल 50 लाख के पटाखे चायना के होते हैं। इसमें खास बात यह है कि इन पटाखों की कोई बिलिंग नहीं होती है। यह पटाखे पूर्ण से दो नंबर में बिकने के लिए आते हैं।
चायनीज झालर और बल्ब भी आ चुके हैं बाजार में
बाजार में चायनीज पटाखों के अलावा चायनीज झालर, बल्व एवं दीपक आदि भी आ चुके हैं, लेकिन व्यापारी प्रशासन के डर से इन्हें बाहर निकालने से डर रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दीपावली के पर्व पर चोरी-छिपे चायना के उत्पाद बिकने की संभावना भी है। सूत्रों का कहना है कि बाजार में देशी झालरें बहुत कम हैं और जो हैं वह भी वह बहुत ही महंगी हैं।
चीनी पटाखों के भण्डारण और बिक्री पर रोक
जिला दंडाधिकारी डॉ. संजय गोयल ने शुक्रवार को जिले में सभी प्रकार के विदेशी पटाखों के भंडार और विक्रय को प्रतिबंधित कर दिया है। व्यापार व उद्योग मंत्रालय पेट्रोलियम एवं विस्फोटक संगठन के निर्देशानुसार दीपावली के अवसर पर जिले में सभी स्थानों पर विदेशी पटाखों के संग्रहण, भंडार और विक्रय में प्रतिबंधित किया गया है। कोई भी पटाखा व्यापारी अगर चीनी पटाखों का संग्रह या बिक्री करते पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इन्होंने कहा
‘चायनीज वस्तुओं का क्रय-विक्रय नहीं होने को लेकर व्यापारियों की शीघ्र ही बैठक बुलाई जाएगी। इसमें व्यापारियों से आव्हान किया जाएगा कि वह किसी भी प्रकार की कोई चायनीज वस्तु नहीं बेचें। ’
डॉ. प्रवीण अग्रवाल
मानसेवी सचिव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स
‘दशहरे के दिन हम चायना के पटाखों की होली जलाएंगे।’
हरीश दीवान
अध्यक्ष, आतिशबाजी फुटकर विके्रता संघ